राजनीति

भारतीय वायुसेना के पराक्रम के कई निहितार्थ

पुलवामा हमले के महज 12 दिनों के बाद ही जिस प्रकार से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सीमा में 50 किमी अंदर घुसकर पाक के अंदर पाक अधिकृत कश्मीर को पार करते हुए पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश के ठिकानों पर बमबारी करते हुए उनके आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करते हुए 300 आतंकियों को मार गिराया है वह अदभुत व अविस्मरणीय बन गया है। इतना ही नहीं भारतीय वायुसेना ने पाक अधिकृत कश्मीर के चकोटी और मुजफ्फराबाद में भी हमला करके जैश के बड़े ठिकानों को ध्वस्त करते हुए जैश-ए-्मोहम्मद का जोश कुछ हद तक ठंडा करने व भारत की जनता के मन में जो आग उबाल खा रही थी उसे कुछ सीमा तक ठंडा करने में सफलता हासिल कर ली है।
अभी भारतीय वायुसेना के पराक्रम का यह पहला चरण है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय सेनाओं के जोश को देखकर लग रहा है तथा यह संकेत मिल रहे हैं कि अभी भारत और भी बहुत कुछ करने जा रहा है। दिल्ली में सेना प्रमुखों तथा संबंधित सभी रणनीतिकारों के बीच लगातार बैठकांे का दौर जारी है तथा पाकिस्तानी वायुसेना की ओर से भारतीय सीमा का उल्लंघन करने और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानांे को निशाना बनाने के उददेश्य से किये गये हमले को लगातार सतर्क भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा विफल कर देने के बाद भारतीय सेना की नाराजगी को और अधिक बढ़ा दिया है। वर्तमान समय में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम सीमा पर पहुच चुका है।
भारतीय वायुसेना का ताजा पराक्रम कई मायने में एतिहासिक व अदभुत हैं। इस एयर स्ट्राइक के बाद कई प्रकार के राजनैतिक, सामरिक, कूटनीतिक निहितार्थ निकल रहे हैं। भारतीय वायुसेना के हवाइ्र्र हमलों के बाद अब यह साबित हो गया है कि भारतीय सेना अब हर प्रकार की चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह से सक्षम हो चुकी हैं। अब हमारी सेनायें किसी भी प्रकार के वार का जवाब देने के लिए पूरी तरह से अतिआधुनिक तरीकों से लैस हो चुकी हैं। अब पाकिस्तान के बिना परमाणु मिसाइलों के अतिरिक्त सहयोग लिये बिना ही हम दुश्मन देश के काफी अंदर तक जाकर मारकर आ सकते हंै।
यह उन देशविरोधी विचार रखने वाले ताकतों के खिलाफ व उनके मुंह पर भी जबर्दस्त तमाचा है जो लोग समाचार पत्रों में अपने लेखों के माध्यम से भारत व उसकी सैन्य शक्ति के खिलाफ यह दुष्प्रचार करते थे कि भारत के पास अमेरिका जैसा आपरेशन करने का कोई उपाय व क्षमता नहीं है। आज पूर्व मंत्री पी. चिदम्बरम जैसे नकारा विचार रखने वालों के दिल को बहुत गहरा आघात लगा है। पुलवामा हमले के बाद सभी दल व निराशाजनक ताकतें इस बात पर नजर रख रहीं थीं कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार क्या करने जा रही है तथा जैसे- जैसे दिन लगातार आगे बढ़ रहे थे यह ताकतेें अपना सिर उठाने लग रहीं थी। अब हर देशविरोधी ताकत को भरपूर जवाब मिल गया है कि मोदी हैं तो नामुमकिन मुमकिन हो सकता है।
वायुसेना के हवाई हमले में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के साले यूसुफ अजहर व उसके एक भाइ्र्र्र के भी मारे जाने की खबर है। एक प्रकार से इस हमले में मसूद अजहर के परिवार का सफाया हो गया है। इस हमले के बाद अब मसूद अजहर , हाफिज सईद व दाऊद जैसे आतंकियों का भी समय नजदीक आ गया है। वायुसेना का यह पराक्रम भारत की एक बड़ी रणनीतिक सफलता है। लेकिन अभी भी यह तय मानकर चलना चाहिये कि जब तक पाकिस्तान स्थित सभी आतंकी ठिकानों का पूरी तरह से अंत नहीं हो जाता तब तक यह पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन कतई सुधरने वाले नहीं है। पाक पीएम इमरान खान का शांति राग पूरी तरह से ढोंग है। अब पाकिस्तान से एक-एक खून का बदला लेने का यही समय है। यह इतिहास रहा है कि यह लोग एक बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद कुछ समय के लिए शांति और वार्ता का राग अलापने के बाद अपनी हरकतेें फिर से प्रारम्भ कर देते हैं। यह बहुत ही धूर्त व मक्कार किस्म का देश है तथा अपनी आदतों से बाज नहीं आने वाला है। इस समय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिली हुई बढ़त को इस प्रकार बीच में ही नहीं छोड़ देना चाहिये। अभी सरकार, सेना व जनमानस पूरी तरह से जोश में है। हवाई हमले के बाद अब पाकिस्तान को यह अच्छी तरह से समझ पड़ोसी देशों की धरती से चलने वाली भारत विरोधी किसी भी प्रकार की गतिविधि को अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साफ कर दिया है कि सीमा पर हमारी सेनायें तैनात हैं तथा यह पराक्रम यहीं पर रूकने वाला नहीं है।
साथ ही अब पाकिस्तान को भी यह एहसास हो जाना चाहिये कि उसकी हरकतें अब बर्दाश्त नहीं की जायेंगी तथा इस बात की रणनीति लगभग तैयार हो चुकी है कि अब पाकिस्तान को सबक सिखाया जायेगा और इन सबके लिए पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं को पूरी तरह खुली छूट दे दी है। देश के इतिहास में पहली बार तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने प्रेसवार्ता के माध्यम से पाकिस्तान की ओर से चलाये जा रहे झूठ को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। भारत सरकार की मजबूत अंतर्राष्ट्रीय घेराबंदी व बेहद कड़े रूख के बाद वह विगकमांडर को भी रिहा करने के लिए तैयार हो गया। लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब भारतीय पायलट को रिहा करने का ऐलान कर रहे थे तब भी उनके विचार युद्ध के लिए तत्पर दिखने वाले ही लग रहे थे। वर्तमान समय में भारत सरकार व सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कड़े तेवर अपना लिये हंै वह बेहद सराहनीय है तथा आम जनमानस में यह पसंद भी किया जा रहा है। अब पाकिस्तान बहुत अधिक दबाव का अनुभव कर रहा है। वर्तमान समय में पाकिस्तान व आतंकवाद तथा अलगाववादियों के प्रति किसी भी प्रकार ढील खतरनाक साबित होगी।
वायुसेना के अदभुत शौर्य पराक्रम के बादप्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी पर विभिन्न राजनैतिक मसलांे को लेकर जो दबाव लगातार बनता जारहा था वह कुछ सीमा तक कम हो गया है। किसी न किसी वजह से जो कुछ मोदी व कमल को वोट देने वाले लोग तेजी से नाराज होते जा रहे थे उनका क्षरण कुछ कम अवश्य हुआ है। वहीं विरोधी दलों का बेहद श्शर्मनाक दोहरा रवैया जनता के सामने फिर आ रहा है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद से लेकर वायुसेना के साहसिक कारनामें के बाद यदि सर्वाधिक विकृत और देशविरोधी राजनीति की हैं तो वह हंैं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। अपनी विकृत मानसिकता से मजबूर होकर वह एक बार फिर सरकार व सेना से सबूत मांगने निकल पड़ी हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के भी विकृत मानसिकता से भरे ओछे टिवट रोज सामने आ रहे है। सपा नेता रामगोपाल यादव को इस पूरे मामले में चुनाव टलवाने की साजिश नजर आने लगी है। यही हाल देशभर के विरोधी दलों के नेताओं व टीवी चैनलो पर आने वाले प्रवक्ताओं का हो गया है। अभी तक टी वी चैनलों पर भाजपा प्रवक्ता अपनी बातें रखने में कुछ दबाव महसूस कर रहे थे उन्हें भी अब राहत का अनुभव हुआ है। अब लाइव बहसों में भाजपा के प्रवक्ता खासे आक्रामक हो उठे हैं। टी वी चैनलों पर आगामी लोकसभा चुनावों में बुरी तरह से पिछड़ता हुआ दिखाने वाले फर्जी सर्वेक्षणों का प्रसारण थम गया है। देश में अब राष्ट्रवाद की बयार बह रही है तथा आने वाले दिनों में यह और तीखी भी हो सकती है। अब मजबूत सरकार व राष्ट्रवाद की बहस तीखी होनी भी चाहिये क्योंकि यह मोदी सरकार का अदभुत पराक्रम ही कि आज पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है। अब चीन सरकार भी चाह कर भी पाकिस्तान व पल पोस रहे आतंकवाद का कम से कम खुला समर्थन तो नहीं कर रहा। आज भारत सरकार की दूरगामी विदेश नीति का असर साफ दिखलायी पड़ रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन व फ्रांस जैसे मजबूत देश आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ यूएन में कड़ा प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर हो गये हैं। भारत सरकार के वर्तमान कदम सुखद भविष्य का संकेत कर रहे हैं। ताजा घटनाक्रम के बाद पीएम मोदी की छवि में एक बार फिर निखर आ गया है। टीवी चैनलों में उन्हें बेहद मजबूत व सशक्त नेता के रूप मेंश्प्रस्तुत किया जा रहा है। कहीं उन्हंे बाहुबली मोदी कहा जा रहा है तो कहीं उन्हंे बंदा अपना सही है का नारा दिया जा रहा है। विरोधी दलोें को अब यही पसंद नहीं आ रहा है तथा उनके मन में पहले से ही घबराहट तो थी तथा इसी मेें महाविलावट करने के लिए तैयार हो गये। अब आगे आने वाले दिनों में मोदी विरोधियों के मन में घबराहट ओर बैचेनी और अधिक दिखलायी पड़ेगी। वह लोग अब पीएम मोदी के खिलाफ जितना जहर उगलेंगे वह उनके खिलाफ ही जा सकता है। अब सभी दलांेे को सही तरीके से सोचेना होगा लेकिन यह लोग भी सुधरने वाले नहीं हंै।
मृत्युंजय दीक्षित