हास्य व्यंग्य

व्यंग्य – लातों के भूत बातों से नही मानते हैं

यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी लेकिन हकीकत यह है कि यह कहावत पाकिस्तान जैसे दो कौड़ी के देशों के लिए ही बनी हुई है जो चंद सुअर के बच्चों को अपना बाप बनाए बैठा है’। और हकीकत भी यही है कि यह कहावत चरितार्थ होती है “पाकिस्तान जैसे देश पर कोई कितना भी समझाए-बुझाए पर अगले को लात खाने की लत लगी है” ,तो बिना लात खाए आखिर वो सुधरेगा भी तो कैसे?? हर हमले के बाद पाकिस्तान की तरफ से एक ही जवाब आता है कि ऐसा कोई हमला भारत की तरफ से पाकिस्तान में नही हुआ है,कुल मिला कर पाकिस्तान की हालत इस समय भारत सरकार ने उस “दो टकिया गली के लुच्चे” की तरह कर दी है जिसे कभी कोई राह चलता आता-जाता आदमी ‘लतिया’ दे रहा है, और बेचारा किसी से खुलकर बता भी नहीं पा रहा है कि हमे लात पड़ी है।लेकिन “पाकिस्तान”तो है ही ‘पैदाईशी बेशर्म’ इतना कुछ होने के बाद भी पाकिस्तान के “सड़कछाप रक्षामंत्री” मीडिया मे सफाई दे रहे हैं जैसे कि कुछ हुआ ही नही । अरे बेहया पाकिस्तान!! अमेरिका तेरे घर में घुसकर तेरे पालतू कुत्ते लादेन को मारा,भारतीय सेना के जवान न जाने कितनी ही बार घर भीतर तुझे लतिया के सकुशल वापस आए हैं और एक तू बेशर्म है जो सुधरने का नाम नही ले रहा है।हर बार भारत से तू मुँह की खाता है,दुम दबाकर भागता है तू छटपटाता है।फिर तुझे गुमान है कि तेरे पास एटम बम है।भारत के किसानो ने टमाटर भेजना बंद कर दिया तो तेरे यहाँ टमाटर के लाले पड़ गए और तू बताता है कि एटम बम है,याद रखना भारत के पास भी मिराज़,सुखोई,जगुआर हैं जो पल भर में तुम्हे जहन्नुम मे पहुँचा देने की कूबत रखते हैं।माना कि “हम भारतीय लोग गाँधी जी के अनुयायी हैं लेकिन इतने भी बड़े अनुयायी नहीं कि एक गाल पर थप्पड़ खाने के बाद दूसरा गाल आगे कर देंगे”। सौगंध हमे भारत माँ की तुम एक थप्पड़ मारो उसके बदले हम तुम्हे तुम्हारी औकात याद न दिलाई तो खुद को भारतीय कहना छोड़ देंगे। तुमने हमारे चौआलीस मारे देखो हमने तुम्हारे चार सौ मार गिराए,अनुभव और एहसास तो हो गया होगा तुम्हे।
वैसे तो हमारे भारतीय जवान छोटे-मोटे शिकार करने के आदी नही है किसी को छेंड़ते नही और कोई छेंड़े तो उसे छोड़ते नही है ।”एफ-सोलह नामक तेरा एक मच्छर” पिनपिनाता हुआ हमारी सीमा मे घुसा उसे भी हमारे भारतीय जवानों ने सेकंडो मे खेल लिया,और जहाँ तक रही बात कश्मीर की तो तू उसे हमसे ले लेने के सपने देखना बंद कर दे क्योंकि तेरे रक्त में वो हीमोग्लोबिन ही नहीं है जो हमसे लड़कर तू कश्मीर छीन सके।।
जय हिंद, जय जवान, जय हिन्दुस्तान
आशीष तिवारी निर्मल

*आशीष तिवारी निर्मल

व्यंग्यकार लालगाँव,रीवा,म.प्र. 9399394911 8602929616