कहानी

ना का मतलब ना

शिल्पा का मन क्लास में जो पढ़ाया जा रहा था उसमें नहीं था। वह परेशान थी। क्लास खत्म होने के बाद फिर उसका सामना करना पड़ेगा। पिछले कई दिनों से फिर वह कोचिंग के बाहर खड़े होकर उसका इंतज़ार करता था। जब वह घर जाने के लिए निकलती थी तो उसका पीछा करता था। एकांत में उससे वही बात कहता था कि वह उसे बहुत चाहता है। शिल्पा उसे कितनी बार समझा चुकी थी कि उसका पीछा छोड़ दे। उसका सारा ध्यान तो केवल पढ़ाई पर है। वह इंजीनियर बनना चाहती है। पर वह लड़का मानता ही नहीं था।

इसकी शुरुआत कोई पाँच महीने पहले हुई। वह एक कोचिंग में ट्रायल क्लास के लिए गई थी। वहाँ यह लड़का भी था। शिल्पा को वह कोचिंग ठीक नहीं लगी। उसने दूसरी कोचिंग ज्वाइन कर ली। कुछ ही दिन बाद उसने देखा कि वह लड़का भी वहीं आने लगा। वह लड़का पढ़ाई पर ध्यान नहीं देता था। केवल अपनी सीट से शिल्पा को घूरता रहता था। शिल्पा को यह अच्छा नहीं लगता था। पर कुछ दिनों तक वह चुप रही। जब उस लड़के ने अपनी हरकत बंद नहीं तो उसने उसे डांट लगाई। इस पर लड़के ने उससे प्यार का इज़हार कर दिया।

शिल्पा के मना करने के बाद भी वह रोज़ उससे वही बात करता था। परेशान होकर शिल्पा ने कोचिंग के मैनेजर से शिकायत कर दी। उस लड़के को निकाल दिया गया। शिल्पा ने चैन की सांस ली। वह पूरे मन से इम्तिहान की तैयारी करने लगी। क्लास में उसकी प्रगति सबसे अच्छी थी। वह खुश थी। लेकिन चार दिन पहले जब वह घर लौट रही थी तो अचानक यह लड़का सामने आ गया। फिर वही बात करने लगा। शिल्पा ने फिर उसे समझाया। पर वह बोला कि उसे पता है कि लड़कियों की ना में हाँ छिपी होती है। वह उससे हाँ करा कर रहेगा। वह रोज़ कोचिंग के बाहर उसका इंतज़ार करता था।

इन सब के चलते शिल्पा का मन पढ़ने में नहीं लग रहा था। फिजिक्स की क्लास शुरू हो गई। सर कल हुए टेस्ट के नंबर बता रहे थे। “शिल्पा तुम्हें क्या हो गया है ? तुमसे ये उम्मीद नहीं थी। इम्तिहान पास हैं तो तुम लापरवाह हो गईं।” शिल्पा को बहुत बुरा लगा। क्लास में उसके सबसे कम नंबर थे। वह परेशान थी किंतु अपने मम्मी पापा को कुछ बता नहीं पा रही थी। उसे डर था कहीं उसकी पढ़ाई ही ना बंद करा दी जाए।

शिल्पा जब बाहर निकली तो उस लड़के ने फिर कहा कि वह उसे बहुत प्यार करता है। उसके मुंह से आई लव यू सुनना चाहता है। यदि कल तक उसने यह नहीं किया तो इसका परिणाम ठीक नहीं होगा। शिल्पा डर गई। रोते हुए घर पहुँची।

जब वह घर पहुँची तो वहाँ मेहमान मौजूद थी। उसकी मम्मी ने बताया कि वह उनकी पुरानी सहेली की बेटी है। पुलिस इंस्पेक्टर है। कुछ दिन पहले तबदले पर आई थी। आज समय निकाल कर उनसे मिलने आई है। इंस्पेक्टर का नाम नंदा था।मम्मी नंदा के लिए चाय बनाने अंदर गईं तो वह शिल्पा से बात करने लगी। बात करते हुए उसे एहसास हो गया कि शिल्पा किसी बात से परेशान है। उसने शिल्पा से प्यार से सारी बात पूँछ ली। सब सुन कर इंस्पेक्टर नंदा ने कहा।”ऐसे लड़कों की हिम्मत इसलिए बढ़ती है कि हम लड़कियां डर कर चुप रहती हैं। कल तुम डरना नहीं। हिम्मत से उसका सामना करना। बाकी मैं संभाल लूँगी।”

अगले दिन शिल्पा उस लड़के को जवाब देने के लिए तैयार थी। जब वह उसके पास आया और आई लव यू बोलने के लिए मजबूर करने लगा तो उसने उसे ज़ोर का तमाचा रसीद कर कहा- “एक बार में समझ नहीं आता। लड़की की ना का मतलब ना ही होता है।”

वह लड़का सहम गया। इंस्पेक्टर नंदा पास ही मौजूद थी। लड़की को छेड़ने के जुर्म में उसे थाने ले गई।

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है