कविता

होली

होली

फागुन चैत बयारआया
रंगो का त्योहार लाया।

मौज मस्ती साथ लायी
देखो बच्चें होली आयी!

रंग – बिरंग पिचकारी आया
बच्चों को खूब मन भाया!

रंगो का त्योहार है होली
देखो बच्चे होली आयी!

अबीर गुलाल का थाल सजाकर
एक दुसरे को लाल लगाकर!

खुशियाँ छवि निराली लगती
देखों बच्चे होली आयी!

पुआ पकवान से थाल सजाकर
नये नये पोशाक पहनकर!

अनुपम छवि निराली लगती
देखों बच्चे होली आयी!
विजया लक्ष्मी बयारआया
रंगो का त्योहार लाया।

मौज मस्ती साथ लायी
देखो बच्चें होली आयी!

रंग – बिरंग पिचकारी आया
बच्चों को खूब मन भाया!

रंगो का त्योहार है होली
देखो बच्चे होली आयी!

अबीर गुलाल का थाल सजाकर
एक दुसरे को लाल लगाकर!

खुशियाँ छवि निराली लगती
देखों बच्चे होली आयी!

पुआ पकवान से थाल सजाकर
नये नये पोशाक पहनकर!

अनुपम छवि निराली लगती
देखों बच्चे होली आयी!
विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।