कविता

मोहब्ब्त हुई क्या

तुमको मोहब्ब्त हुई क्या ??
हाँ ,हुई है …..

किससे हुई ??? मुझसे हुई???
नहीं ,तुमसे नहीं हुई …

तो किससे हुई बोलो ??
बोल दूँ क्या….

हाँ, हाँ बोलो भी ???
मुझको मोहब्ब्त हुई हैं …..

तेरी मासूम आंखों से,
जिनमें प्यार ही है ।

तेरे भोले चेहरे से ,
जो हरदम दमकता है ।

तेरी मासूमियत से हुई ,
जो तुझमें दिखती है ।

तेरी हर उस अदा से ,
जो मुझे लुभाती है ।

तेरी प्यारी बातों से,
जो मुस्कान मुझे देती हैं।

तेरे मुस्कान से है मोहब्बत,
जी खुशी देती मुझे है ।

तेरे उस साथ से है ,
जो गम भुला देता है मेरे ।

तेरी हर अदा से है मोहब्बत ,
हर अदा खुशियां है मेरी,

तेरे चेहरे से नही है,
तेरी प्यारी सीरत से है ।

हाँ , तेरी हस्ती से मुझे,
हो गई मोहब्बत बेपनाह,

तुझे पाना नही है मुझे,
तेरा साथ चाहिए मुझे ,

तेरे साथ से मोहब्बत है,
तेरी खुशियों से है मोहब्बत ।।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।