धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विशेष सदाबहार कैलेंडर-131

1.Money is a small coin,
Health is a big coin,
Love is a lucky coin,
Relationship is a sweet coin,
And
Friendship is a gold coin,
Keep it safe.

2.Look back and thank God,
Look forward and trust God,
He clodes doors no one can open
And
He opens doors, no one can close.

3.When ‘i’ is replaced by ‘We’,
Even ‘illness’ becomes ‘Wellness’.

4.मां तेरे डिब्बे की वो दो रोटियां कहीं बिकती नहीं,
महंगे होटलों में आज भी भूख मिटती नहीं.

5.सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको,
दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको,
जहां गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत-सी ज़मीन दे आपको.

6.ये बात हवाओं को बताये रखना,
रोशनी होगी बस चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाज़त हमने की,
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना.

7.कुछ नशा तिरंगें की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह यह तिरंगा,
नशा यह हिंदुस्तान की शान का है.

8.ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हैं कई,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता.

9.चले आओ मेरे परिंदों लौट कर अपने आसमान में,
देश की मिट्टी से खेलो, दूर-दराज़ में क्या रखा है.

10.कुछ रिश्ते खुदा बनाते हैं,
कुछ रिश्ते लोग बनाते हैं,
कुछ लोग बिना रिश्ते के ही रिश्ता निभाते हैं,
शायद वही दोस्त कहलाते हैं.

11.जीवन के हर मोड़ पर सुनहरी यादों को रहने दो,
जुबां पर हर वक्त मिठास रहने दो,
ये अंदाज है जीने का प्यारे,
न उदास रहो और न किसी को रहने दो.

12.एक बचपन का जमाना था,
किसमें खुशियों का खजाना था,
चाहत चांद को पाने की थी,
पर दिल तितली का दीवाना था.

13.’सपने’ वो होते हैं,
जो ‘सोने’ नहीं देते,
‘अपने’ वो होते हैं,
जो ‘सोने’ नहीं देते.

14.वो हाथ सदा पवित्र होते हैं,
जो प्रार्थना से ज्यादा सेवा के लिए उठें

15.सुप्रभात कोई साधारण शब्द नहीं, बहुत ही अर्थपूर्ण है,
सु- सुबह से शाम तक आप
प्र- प्रसन्नता पूर्ण
भा- भाग्यशाली एवं
त- तनाव रहित रहें.

16.लफ्ज़ और उनको बोलने​ का लहज़ा ही होते हैं,​
इंसान का आइना,
शक्ल का क्या है,​
वो तो उम्र और हालात के साथ,​ अक्सर ‘बदल’ जाती है.

17.ज्यादा बोझ लेकर चलने वाले अक्सर डूब जाते हैं,
फिर चाहे वह बोझ अभिमान का हो या सामान का.

18.सूरज वो जो आसमान का साथ दे,
चांद वो जो तारों का साथ दे,
बीवी वो जो हर हाल में सुहाना साथ दे.

19.विकल्प मिलेंगे बहुत भटकाने के लिए,
संकल्प एक ही काफी है, मंजिल तक जाने के लिए.

20.सच्चे लोगों पर भी उतना ही विश्वास रखिए,
जितना दवाइयों पर रखते हैं,
बेशक थोड़े कड़वे ही होंगे,
पर आपके लिए फायदेमंद ही होंगे.

21.खुदा सलामत रखे उनकी आंखों की रोशनी,
जिनकी नजरों को हम चुभते बहुत हैं.

22.शब्दों में भी तापमान होता है,
ये सुकून भी देते हैं और जला भी देते हैं.

23.विपत्तियां हमेशा हमें बुद्दिमान बनाती हैं,
जबकि समृद्धि अक्सर सही-गलत में फर्क भी नहीं कर पाती.

24.भावनाओं का कहां द्वार होता है,
जहां मन मिल जाए वहां हरिद्वार होता है.

25.लोग जब पूछें कि ‘आप क्या करते हो’,
तो समझ लो हिसाब लगाया जाएगा,
कि आपको इज़्ज़त कितनी देनी है.

26.वक्त का तकाजा है अब पत्थर ही बोलेंगे,
दिलों से कह दो गुफ्तगू बंद करें.

27.सुनते रहिए, सुनाते रहिए
फूलों की तरह मुस्कुराते रहिए,
भौंरों की तरह गुनगुनाते रहिए,
चुप रहने से रिश्ते भी उदास हो जाते हैं,
कुछ उनकी सुनिए कुछ अपनी सुनाते रहिए.

28.जहां प्यार-ही-प्यार, हमदर्दी-ही-हमदर्दी हो,
वहां आप हर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हो.

29.चलो आज फिर से, ख़ुद को जगाते हैं,
मन में छिपे डर को, मन से हटाते हैं,
एक रंग छिपा है झंडे में शहीदों का भी,
उसकी शान में भी, आज सर झुकाते हैं,

30.शहीदों का रंग ही तो सच्चा रंग है,
उसीकी दिखती झंडे में उमंग है,
तभी तो लहरा रहा है तिरंगा,
शहीदों की शान में हम भी नमन करते है.

31.प्रेम-ही-प्रेम हो इस दुनिया में,
रहे न कोई भी ग़मगीन,
जीवन में खुशहाली की,
भ्रातृभाव की ललक नवीन.

 

प्रस्तुत है पाठकों के और हमारे प्रयास से सुसज्जित विशेष सदाबहार कैलेंडर. कृपया अगले विशेष सदाबहार कैलेंडर के लिए आप अपने अनमोल वचन भेजें. जिन भाइयों-बहिनों ने इस सदाबहार कैलेंडर के लिए अपने सदाबहार सुविचार भेजे हैं, उनका हार्दिक धन्यवाद.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

5 thoughts on “विशेष सदाबहार कैलेंडर-131

  • सुदर्शन खन्ना

    आदरणीय दीदी, सादर प्रणाम. बहुत ख़ूबसूरत आकलन. गुज़र जाते हैं ख़ूबसूरत लम्हे, यूँ ही मुसाफिरों की तरह, यादें वहीँ खड़ी रह जाती हैं रुके रास्तों की तरह, एक उम्र के बाद उस उम्र की बातें उम्र भर याद आती हैं, पर वह उम्र फिर उम्र भर नहीं आती.

    • लीला तिवानी

      प्रिय ब्लॉगर सुदर्शन भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. ख़ूबसूरत लम्हे, यूँ ही मुसाफिरों की तरह गुज़र जाते हैं, फिर नहीं मिलते. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , यह कैलंडर और इस में लिखे अनमोल बचन पहले कैलन्डरों की तरह बेहद अनमोल हैं . किसी अनमोल बचन को कसौटी पर आंकना गलत होगा लेकिन फिर एक चुन कर
    4.मां तेरे डिब्बे की वो दो रोटियां कहीं बिकती नहीं,
    महंगे होटलों में आज भी भूख मिटती नहीं. इसे बहुत पसंद किया है .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, आपने बिलकुल दुरुस्त फरमाया है. मां के डिब्बे की वो दो रोटियां अनमोल होती हैं. इस अनमोल वचन को सबने पसंद किया है. इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    सुबह-सुबह पढ़े-सुने सदाबहार अनमोल वचन जीवन को सदाबहार और अनमोल बनाने की क्षमता रखते हैं. आज के अनमोल वचन-

    ज़िंदगी कांटों का सफ़र है,
    हौसला इसकी पहचान है,
    रास्ते पर तो सभी चलते हैं,
    जो रास्ता बनाए, वही इंसान है.

    सकारात्मक विचार आपको समस्याओं को भूलने नहीं देते,
    वे आपको समस्याओं से जूझने का उत्साह देते हैं.

Comments are closed.