कविता

मतदान

आओ मतदान करे,
फिर से बदलाव करे,
लोकतंत्र की हो रही है शादी,
हम सब बन जाये बाराती।
वोट हमें डालना है जरुरी,
कोई शिकयत न रहे अधूरी।
हम सबको जगाना है,
मतदान सबको कराना  है।
अब तो जग जाओ तुम सब,
केवल वोट पर चर्चा न करे।
हवा बदलाव की आ रही है,
चुनाव की घंटी बज रही है।
लोकतंत्र का यह त्यौहार,
सब मिलकर मनाओ हरबार,
चुनाव नहीं है ये मतदान है।
नए भारत का निर्माण हम करे,
सारे विश्व में झंडा बुलंद हो भारत का,
जो सेवक हो उनको दो कमान,
भारत फिर से बन जाये महान।।
गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384