धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विशेष सदाबहार कैलेंडर-132

1.Some flowers grow best in the Sun
And Some flowers grow best in the shade,
remember
God puts us where we can grow best,
So always be happy in
Every situation of life.

2.May God bless and continue to make
His face to shine upon you.

3.अगर हम किसी के दुःख का कारण हैं,
तो हमारा जीवन व्यर्थ है,
अगर हम किसी के सुख की वजह हैं,
तो ही हमारे जीवन का कुछ अर्थ है,

4.संबंधों का पौधा जब भी लगाओ,
जमीन को भी परख लेना,
क्योंकि सभी मिट्टी में,
रिश्तों को उपजाऊ बनाने की आदत नहीं होती.

5.आज के परिणाम अतीत के कर्मों से तय होते हैं,
अपने भविष्य के फैसलों को बदल पाने के लिए,
अपने आज के फैसलों को बदलें.

6.सुंदरता से बढ़कर चरित्र है,
प्रेम से बढ़कर त्याग है,
दौलत से बढ़कर मानवता है,
परंतु सुंदर रिश्तों से बढ़कर
इस दुनिया में कुछ भी नहीं है.

7.जो चाहने से मिले उसे चाहत कहते हैं,
जो मांगने से मिले उसे मन्नत कहते हैं,

8.सेवा का सबसे उत्तम तरीका है,
किसी के मस्तिष्क का ज्ञानवर्द्धन करना.

9.अपने पैरों पर खड़े होकर मरना,
घुटने टेककर जीने से कहीं बेहतर है.

10.घाव तो हर कोई दे सकता है,
मरहम बन पाओ तो जानें,

11.जिस देश के धर्मगुरु, माध्यम और न्यायालय,
निष्पक्ष और निडर होते हैं,
उस देश के बिगड़े हुए राजनेता भी,
देर-सवेर सुधर जाते हैं.

12.कष्ट अवश्यंभावी है,
पर पीड़ित होना स्वेच्छा पर निर्भर है.

13.मुश्किलें ज़रुर है, मगर ठहरा नहीं हूं मैं.
मंज़िल से ज़रा कह दो, अभी पहुंचा नहीं हूं मैं,
कदमों को बांध न पाएंगी, मुसीबत की ज़ंजीरें,
रास्तों से ज़रा कह दो, अभी भटका नहीं हूं मैं,
साथ चलता है, दुआओं का काफिला मेरे,
किस्मत से ज़रा कह दो, अभी तनहा नहीं हूं मैं.

14.बोलने से पहले लफ़्ज़ इंसान के गुलाम होते हैं,
लेकिन बोलने के बाद इंसान अपने लफ़्ज़ों का गुलाम हो जाता है.

15.यह सही है,
कि इंसान को गुस्सा नहीं करना चाहिए,
पर जो इंसान ज़्यादा गुस्सा करते हैं,
वो प्यार भी उतना अधिक करते हैं,
क्योंकि लाल रंग खतरे का निशान है,
तो गहरे प्यार की भी निशानी भी है.

16.इत्र :: जो माहौल महका दे,
मित्र:: जो जीवन महका दे.

17.याद वो नहीं जो अकेले में आये,
याद वो है जो महफ़िल में आये
और अकेला कर जाए.

18.चुनाव कुछ चरणों में होंगे,
फिर आप उनके चरणों में होंगे.

19.आओ मिलकर खेलें प्रेम की होली,
रंगों में है प्यार की बोली,
बरस रहे देखो कितने रंग,
बज रहे हैं ढोल-मृदंग,
होली आई रे, होली आई रे.

20.समय के फैसले बयां कर देंगे सच्चाई को,
बहुत नादाँ हैं वो जो ना समझें गहराई को.

21.न जाने कैसे दर्दे-दिल छुपा लेते हैं लोग,
न जाने कैसे गम में भी मुस्करा लेते हैं लोग,
मेरी ज़िंदगी तो एक खुली किताब है,
न जाने कैसे चेहरे-पे-चेहरा चढ़ा लेते हैं लोग.

22.वक्त सबको मिलता हैं जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी दुबारा नही मिलती वक्त बदलने के लिए.

23.वक्त का पता नही चलता अपनों के साथ,
पर अपनों का पता चलता है वक्त के साथ.

24.इंसान के परिचय की शुरुआत
भले ही चेहरे से होती होगी
लेकिन उसकी सम्पूर्ण, पहचान तो
वाणी, विचार एवं कार्यो से होती है.

25.पतझड़ के बाद ही बहार आती है ,
माहौल हो खुशनुमा तो,
वीराने में भी रौनक हो जाती है।

26.सादा जीवन उच्च विचार,
सुन्दर आचरण, शुभ व्यवहार.

27.झूठी बात पर जो वाह करेंगें,
वही लोग आपको तबाह करेंगें.

28.संस्कार ही अपराध रोक सकते हैं,
सरकार नहीं.

29.गलती निकालने के लिये भेजा चाहिये
और गलती कुबूलने के लिये कलेजा चाहिये.

30.एक प्रणाम
कई परिणाम बदल देता है.

31.सकारात्मक विचार आपको समस्याओं को भूलने नहीं देते,
वे आपको समस्याओं से जूझने का उत्साह देते हैं.

 

प्रस्तुत है पाठकों के और हमारे प्रयास से सुसज्जित विशेष सदाबहार कैलेंडर. कृपया अगले विशेष सदाबहार कैलेंडर के लिए आप अपने अनमोल वचन भेजें. जिन भाइयों-बहिनों ने इस सदाबहार कैलेंडर के लिए अपने सदाबहार सुविचार भेजे हैं, उनका हार्दिक धन्यवाद.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

5 thoughts on “विशेष सदाबहार कैलेंडर-132

  • सुमन अग्रवाल "सागरिका"

    बहुत सुंदर

  • लीला तिवानी

    आज के अनमोल वचन-
    कामयाबी के दरवाजे उन्हीं के लिए खुलते हैं,
    जो उन्हें खटखटाने की ताकत रखते हैं..!!

    शांति चाहते हो तो पहले अपने मन को स्थिर करो,
    मन को भटकाते रहोगे, तो शांति कहां से आएगी,
    मन को स्थिर व शांत करो, तभी शांति आएगी.

    • रविन्दर सूदन

      आदरणीय दीदी, सादर नमन. एक से बढ़कर एक अनमोल वचन. बहुत धन्यवाद,
      बहुत सुन्दर. तब नेकी कर दरिया में डाल, अब नेकी कर, फोटो खींच, फेसबूक
      पर डाल. जिंदगी का सफर इस कदर सुहाना होना चाहिये, सितम भी अगर हो
      तो दिल शायराना होना चाहिये. आपने ठीक कहा है कामयाबी के दरवाजे उन्हीं
      के लिए खुलते हैं,जो उन्हें खटखटाने की ताकत रखते हैं..!!इसीलिये जीसस ने
      कहा है की खटखटाओगे तो खोला जायेगा.

      • लीला तिवानी

        प्रिय ब्लॉगर रविंदर भाई जी, बहुत खूब ‘जिंदगी का सफर इस कदर सुहाना होना चाहिये, सितम भी अगर हो तो दिल शायराना होना चाहिये’. जीसस ने बिलकुल ठीक कहा है कि खटखटाओगे तो खोला जायेगा.. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

    • सुमन अग्रवाल "सागरिका"

      बहुत सुंदर विचार

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