कविता

कभी कहा था तुमने …

कभी  कहा था तुमने ….

रहेंगे संग उम्रभर मगर
आज जाने को कहते हो
तुमसे दूर कैसे रह सकूंगी
सोचो तो ऐ मेरे हमसफ़र।

मेरी हर याद में और बात में
तुम्हारा ही जिक्र है हर ओर
अब उम्र के इस मोड़ पर
हाथ छोड़ते हो लेकर हाथ में।

अतीत में जाकर देखूंगी आज
कहाँ कमी रही प्यार में अपने
मेरे लिए कभी लिखी तुम्हारी
कविताएँ फिर से पढ़ूंगीआज।

कभी कहा था तुमने मुझे
क्या वो सब झूठ था या
आज जो कानो ने सुना
किस हाल में लाया तुमने मुझे ।

कामनी गुप्ता ***
जम्मू “

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |