धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

फटाक-फटाक- 6

तेजी से बदलते इस युग में खबरें भी तेजी से बदलती रहती हैं. तेजी से बदलती इन खबरों को सहेजने के लिए प्रस्तुत है एक नवीन प्रयास फटाक-फटाक. फटाक-फटाक के इस अंक में ढेर सारी सकारात्मक खबरें संक्षेप में, लेकिन सबसे पहले बात हमारी 2 जीवनोपयोगी सूत्रात्मक काव्योक्तियों की-

तकदीरें बदल जाती हैं,
जब ज़िंदगी जीने का कोई मकसद हो,
वरन, ज़िंदगी कट जाती हे,
“तक़दीर” को इल्ज़ाम देते-देते.

सबकी खुशी को देखकर खुश होना अच्छा,
इस तरह दुःख की संकल्पना से दूर होना अच्छा,
अपने मन की बगिया भी महक जाएगी,
सबके मन के गुलशन को महकाना अच्छा.

पंडित गोविंद बल्लभ पंत का एक प्रेरक प्रसंग-
पंडित गोविंद बल्लभ पंत (जन्म 10 सितम्बर 1887 – 7 मार्च 1961) प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी और वरिष्ठ भारतीय राजनेता थे। वे उत्तर प्रदेश राज्य के प्रथम मुख्य मन्त्री और भारत के चौथे गृहमंत्री थे.

घटना उस समय की है, जब पंडित गोविंद बल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. उनकी गिनती देश के सबसे ईमानदार राजनेताओं में होती थी. वे कोई विशेष सुविधा नहीं लेते थे और न ही कभी सरकारी पैसे से अपना कोई निजी काम करते थे. एक बार पंत जी ने सरकारी बैठक की. उसमें चाय-नाश्ते का प्रबंध किया गया था. जब उसका बिल पास होने के लिए उनके पास आया तो हिसाब में छह आने और बारह आने लिखे हुए थे. पंडित गोविंद बल्लभ पंत ने बिल पास करने से इनकार कर दिया.

जब उनसे इस बिल को पास न करने का कारण पूछा गया तो वह बोले सरकारी बैठकों में सरकारी खर्चे से केवल चाय मंगवाने का नियम है. ऐसे में नाश्ते का बिल बनवाने वाले व्यक्ति को स्वयं चुकाना चाहिए, हां, चाय का बिल अवश्य पास हो सकता है. अधिकारियों ने उनसे कहा कि कभी-कभी चाय के साथ नाश्ता मंगवाने में कोई हर्ज नहीं होगा. उन्होंने नाश्ते के पैसे अपनी जेब से भरे.

इस बार की सबसे बड़ी खबर, जिसने दिल को दहला दिया-
‘फोनी’ तूफान से बेहाल जनजीवन, शेल्टर होम में सिमट गई जिंदगी
बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान ‘फोनी’ प्रचंड रूप लेकर ओडिशा के तट पर पहुंच गया है. वहां इस समय तेज बारिश हो रही है. फोनी के मद्देनजर करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है. तूफान के चलते ट्रेनें, फ्लाइट और चुनावी रैलियां तक रद्द हो रही हैं. दूसरी ओर, प्रशासन ने तूफान से निपटने के लिए कोशिशें तेज कर दी हैं.
225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चक्रवाती तूफान फोनी ने शुक्रवार सुबह ओडिशा तट पर दी दस्तक.
भीषण तूफान से प्रभावित इलाकों में तमाम जगहों पर गिरे पेड़, सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाया जा रहा है.
विमान से गिराने के लिए भोजन के 1 लाख पैकेट तैयार, कुछ घंटों में फोनी के कमजोर पड़ने के आसार.
भुवनेश्वर के मनचेश्वर रेलवे अस्पताल में सुबह 11 बजकर 3 मिनट में एक बच्ची का जन्म हुआ. बच्ची का नाम लेडी फोनी रखा गया है. मां और बच्ची दोनों स्वस्थ बताएं जा रहे हैं.
एनडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने के साथ वॉटर ऐंबुलेंस की सुविधा दे रही है ताकि पानी में फंसे लोगों को प्राथमिक चिकित्सा दी जा सके.

CBSE: इन स्पेशल स्टूडेंट्स के जज्बे को आप भी करेंगे सलाम-
गाज़ियाबाद की रहने वाली हंसिका शुक्ला ने 500 में से 499 अंकों के साथ बारहवीं की परीक्षा में टॉप किया है. हंसिका गाज़ियाबाद के डीपीएस स्कूल में पढ़ती हैं.

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर की रहने वाली करिश्मा अरोड़ा ने भी 499 अंक हासिल करके पहला स्थान हासिल किया है.
इसी तरह 500 में से 498 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर भी 3 लड़कियां हैं
500 में से 497 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर 16 छात्र हैं.
इसके अलावा दिव्यांग श्रेणी में गुड़गांव की लावण्या बालकृष्णन ने 489 अंकों के साथ ऑल इंडिया लेवल पर टॉप किया है. सेक्टर-56 में रहने वाली लावण्या को सुनने में परेशानी है.
अभिषेक नारायण सिंह दिल्ली के आर.के.पुरम के सेक्टर IV में केंद्रीय विद्यालय के छात्र हैं. उनकी हीयरिंग पावर सिर्फ 42 फीसदी है, लेकिन यह चीज उनके रास्ते में बाधा नहीं बनी और बोर्ड परीक्षा में 96.8 फीसदी यानी 484 मार्क्स हासिल किए.
जन्म से ही सेरीब्रल पल्सी बीमारी से ग्रसित संभव लड़खड़ाते कदमों से स्कूल पहुंचते हैं, उन्होंने सीबीएसई 12वीं में वसुंधरा के वनस्थली स्कूल के छात्र संभव जैन ने ह्यूमैनिटीज में 95 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं.
एसेंट इंटरनैशनल स्कूल की छात्रा महिमा बचपन से ही दिव्यांग हैं. 12वीं में 94.2 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली डेल्टा-2 निवासी महिमा भाटी ने अपनी कमजोरी को पढ़ाई पर हावी नहीं होने दिया. वह अपने पिता और भाई के साथ वीलचेयर पर परीक्षा देने जाती थीं.
इंदिरापुरम के जेकेजी इंटरनैशनल स्कूल में पढ़ने वालीं अनुष्का कौशिक की हाल ही ब्रेन सर्जरी हुई है. अनुष्का ने मेहनत की और 82.2% अंक हासिल किए.
उत्तर प्रदेश के बरेली की महिमा शाह लकवा की शिकार हैं. वह न खड़ी हो सकती हैं, न चल-फिर सकती हैं, न खा सकती हैं और किताब के पन्ने तक भी पलट नहीं सकती हैं. महिमा तीन साल की उम्र तक बोल भी नहीं पाती थी.

बच्चे को तनाव में डाल देता है पैरंट्स का प्रेशर
कम नंबर आने पर बच्चे जितना अपने रिजल्ट से खुद दुखी नहीं होते, उससे कहीं ज्यादा इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि वे अपने पैरंट्स की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे क्योंकि माता-पिता का प्रेशर बच्चों को तनाव में डाल देता है. दिल्ली सायकाएट्रिक सेंटर के डायरेक्टर डॉ. सुनील मित्तल का कहना है कि पैरंट्स अपनी महत्वाकांक्षाएं बच्चों पर न लादें और बच्चों से बात करें. बात करने से बच्चों का प्रेशर कम होता है और फिर उनमें एक नई एनर्जी आती है कि यह रिजल्ट उनकी जिंदगी का फैसला नहीं कर सकता.

बहुत समय से सहेजकर रखी हुई एक खबर-
चेन्नै: एक ही पार्टी में दावत उड़ा रहे थे 60 बदमाश, पुलिस ने धर दबोचा

चोर-चोर मौसेरे भाई तो होते ही हैं. 2017 की खबर है, कि चेन्नै में एक ही पार्टी में दावत उड़ा रहे थे 60 बदमाश, पुलिस ने मौके पर धर दबोचा.

अमेरिका और यूरोप में भारी बर्फबारी से बढ़ी भारत के नमक की मांग

सड़कों से बर्फ को हटाने का काम ज्यादातर सोडियम क्लोराइड या अन्य केमिलकल का उपयोग करके होता है. कई देशों में भारी बर्फबारी की वजह से नमक की मांग बढ़ गई है। ऐसे में गुजरात से नमक का निर्यात भी बढ़ गया है. चीन भी भारत से बड़ी मात्रा में नमक आयात करता है और खराब नमक ध्रुवीय प्रदेशों में निर्यात करता है.

स्वास्थ्य चर्चा-
बिना दवा के हाई ब्लड प्रेशर इस तरह करें कंट्रोल

1- नमक कम इस्तेमाल
2- सब्जी-फल खाएं
3- वजन पर कंट्रोल
4- एक्सरसाइज करें
5- पर्याप्त नींद लें
6- मेडिटेशन करें

फटाक-फटाक के इस अंक में आज बस इतना ही. आप भी कामेंट्स में फटाक-फटाक खबरें लिखकर हमारे साथ साझा कर सकते हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “फटाक-फटाक- 6

  • लीला तिवानी

    ब्रिटेन में एक महल के शौचालय में सोने का कमोड लगाया जा रहा है। महल में इसे एक ऐसे कक्ष के निकट एक शौचालय में लगाया जा रहा है, जहां ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जन्म हुआ था।

    ‘द गार्जियन’ की खबर के मुताबिक यह कमोड एक कलाकृति है जिसे मौरिजो कैटिलेन ने बनाया है। यह 18 कैरेट सोने की कलाकृति है। ब्रिटेन के ब्लेनहिम महल में सोने का टॉइलट लगाया जाएगा। इसका इस्तेमाल आम लोग भी कर सकेंगे।

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