कविता

जीवन

*जीवन के इस अध्याय में,*

अल्पविराम सी बाधाएँ कई,
मत सपनो को तू विराम दे,
कैसे भी उनको पूरा करना है,
करता चल नित प्रयत्न यूँ ही।

*जीवन के इस अध्याय मे,*

प्रताड़ित करते शब्दो की
आएंगी नित पीड़ाएँ दर्द भरी,
मत घबरा तू पीड़ाओं से,
करता चल नित प्रयत्न यूँ ही।

*जीवन के इस अध्याय में,*

माना सुख रूपी ना चित्र कोई,
अपने मन को प्रज्वलित करके,
पन्नो पर खीच रेखाचित्र कोई,
करता चल नित प्रयत्न यूँ ही।

*जीवन के इस अध्याय में* ,

आखिरी पन्ने सा है अंत कभी,
जीवन को कुछ इस तरह बना,
कि जब हो जीवन का अंत कहीं,
दुनिया के पढ़ने लायक मेरे इस
अध्याय का सुंदर हो अंत कभी।

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)