लघुकथा

अनोखा अंदाज

हर व्यक्ति के जीवन में अनेक बार ऐसा समय आता है, जिसे पूर्णतः आराम करने की अवधि यानी मध्यावधि मानी जाती है. छात्रों के जीवन में ऐसी अवधि तब आती है, जब वह पुरानी कक्षा की वार्षिक परीक्षा से मुक्त होकर परीक्षा-परिणाम के रिपोर्ट कॉर्ड की प्रतीक्षा करता है. उस बीच के समय का प्रयोग वह मनमर्जी से करता है. इस समय लोकसभा चुनाव के चलते हमारे देश के अनेक नेताओं के सामने ऐसी ही मध्यावधि आई हुई है.
हर व्यक्ति का बोलने-चालने, आराम करने-तनाव मुक्त होने का अपना-अपना अंदाज होता है.
लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के लिए प्रचार समाप्त होते ही बहुत समय से चुनाव-प्रचार में अत्यंत व्यस्त रहे विपक्ष के नेता जोड़-तोड़ की राजनीति में एक-दूसरे से मीटिंग में व्यस्त रहे, तो पीएम मोदी जी दो दिन के लिए केदारनाथ-बदरीनाथ की यात्रा के लिए चल पड़े. पीएम ने केदारनाथ में गुफा में ध्यान किया और फिर वहां से बदरीनाथ पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे. यह उनका अपना अनोखा अंदाज था. ध्यान से तन-मन तरोताजा भी हो जाता है और पुनः नई ऊर्जा से काम करने के लिए तैयार हो जाता है.
यह तो बात हुई इंसानी अंदाज की. कुदरत का अंदाज कुछ अलग होता है.
बारिश के मौसम में जब काली घटा छा जाती है, तब मोरनी को रिझाने के लिए मोर उसके आसपास नाचता है. मोरनी बस घूमती और टहलती है और मोर के क्रियाकलाप का अवलोकन करती है. नाचने वाले किसी भी मोर में से किसी एक को चुनने का अधिकार उसके पास होता है. फिर उसी के साथ वह जोड़ा बनाती है, ताकि आने वाली संतान प्राकृतिक रूप से सबसे फिट, चुस्त-दुरुस्त हो. नाचने से माइंड में अलग ही हलचल होती है, इसे न्यूरॉन्स भी कहते हैं. इससे दिलो-दिमाग पर प्यार का नशा छाने लगता है. मादा जब नर की काबिलियत को लेकर हर तरीके से संतुष्ट हो जाती है तभी वह उसे चुनती है.
मानसून का मौसम मोरनी के लिए ब्रीडिंग का होता है. ब्रीडिंग के लिए मोर को बहुत ही एकांत माहौल पसंद होता है. इसमें मोर नाचता है और उसकी आंख से लिक्विड निकलता है. इसके बाद मोरनी उसे पी लेती है और मां बनने के लिए तैयार हो जाती है. यह कुदरत का अनोखा अंदाज है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “अनोखा अंदाज

  • डाॅ विजय कुमार सिंघल

    बहिन जी, क्या आँख से निकले लीक्विड को पी लेने से गर्भवती हो जाने की यह बात विज्ञानसम्मत है? मैंने जन्तु विज्ञान नहीं पढ़ा इसलिए सन्देह हो रहा है। कृपया निराकरण करें। कई लोगों से पहले सुना है, पर मुझे कभी विश्वास नहीं हुआ। अब आपने लिखा है तो जिज्ञासा उठ रही है।

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, हमने जंतु विज्ञान का थोड़ा-सा अध्ययन किया है, हमें यह बात विज्ञानसम्मत लगी, इसलिए हमने मोरनी के बारी में यह यथ्य लिखा है. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    छात्र अपने मध्यावधि का उपयोग अपनी इच्छा से करते हैं. अनेक छात्र मनमर्जी का खेल खेलकर उस समय को व्यर्थ गंवा देते हैं और मांएं कहती रहती हैं- ”कुछ काम कर ले, कुछ काम सीख ले.’ कुछ छात्र अपनी सदेच्छा से समय का सदुपयोग करके कुछ नया काम सीख लेते हैं या ध्यान-योग से अपने तन-मन की शक्ति को संचित करते हैं. मोदी जी ने भी ऐसा ही किया है. अब वे पीएम हैं, तो उनकी इस यात्रा पर मीडिया की नजर तो रहेगी ही! विपक्ष को इस पर भी ऐतराज है.

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