राजनीति

ऐतिहासिक चुनाव परिणाम

सभी चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों व अनुमानों को ध्वस्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर एनडीए की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है। देश के राजनैतिक इतिहास में नरेंद्र मोदी एक ऐसे पहले गैर कांग्रेसी विचारधारा के करिश्माई व्यक्तित्व हो गये हैं जो लगाातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। आज देश व विदेश के सभी राजनैतिक पंडित व विश्लेषक एक बार फिर हैरान हो रहे हैं। बहुत सारे पत्रकार व विश्लेषक भारतीय जनता पार्टी व एनडीए को 250 के अंदर ही निपटा रहे थे तथा चुनावों के बाद जोड़तोड़ की राजनीति का मजा लेने की बात सोच रहे थे आज उन सभी पत्रकारों की हवा निकल चुकी है।
चुनाव परिणामों के बाद अगर सबसे अधिक कोई हतप्रभ हो रहा है तो वह आज कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। देश के राजनैतिक इतिहास में इंदिरा गांधी के बाद राहुल गांधी ऐसे नेता बनकर उभरे हैं जो अपने पिता का गढ़ नहीं बचा सके। इस बार राहुल गांधी को पराजय का स्वाद चखना ही पड़ गया है। कांगे्रस के नौ पूर्व मुख्यमंत्री चुनावों में पराजित हुए। लोकसभा चुनावों तथा उनके परिणामों का देश के राजनैतिक क्षितिज पर पड़ने वाले प्रभाव का गहन विश्लेषण किया जा रहा है। विदेशी समाचार पत्रों में भी मोदी की विजय के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। विगत पांच वर्षों में बहुमत होने के बावजूद बेहद कठिन परिस्थितियों में सरकार का सफल संचालन किया और जब देश पर आतंकवाद का संकट गहराया तब-तब पीएम मोदी की सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक के माध्यम से आतंकवाद व देश के दुश्मनों को करारा जवाब देकर जनमानस व पूरे विश्व में अपनी एक नयी पहचान बनाने में कामयाब रहे, जिसका असर चुनाव परिणामों पर भी दिखायी पड़ रहा है। एक प्रकार से देखा जाये तो यह जीत पूरे भारत की जीत है। जनता ने देश से जातिवाद, परिवारवाद व तुष्टीकरण को उखाड़कर फेंक दिया है। जातिवाद व अपने किले बचाने के लिए बनाये गये महागठबंधन पूरी तरह से फेल हो गये है।
चुनावों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात पूरी तरह से सही है कि चुनावों में सेकुलर जमात पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है। सेकुलर जमात का मंदिर दर्शन के माध्यम से हिंदू जनमानस को ठगने का अभियान पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। कांग्रेस ने यह सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका यह हाल होने जा रहा है। कांग्रेस की सबसे बड़ी दुर्गति तो उनके अपने राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में हो गयी है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के दौरान वहां के किसानों व बेरोजगारों से जो चुनावी वायदे किये थे वे सभी बेनकाब हो चुके हैं। इन राज्यों में कांग्रेस की दुर्गति देखकर तो लग रहा है कि इनमें राजनैतिक अस्थिरता व उठापटक अभी देखने को मिलेगी। सबसे जल्दी परिणाम कर्नाटक में दिखलायी पड़ सकते हैं। जहां कांग्रेस व जेडीएस के अनेक महारथियों को पराजय का मुंह देखना पड़ गया है।
लोकसभा चुनाव परिणामें से यह साबित हो गया है कि नकारात्मक राजनीति करने वालों का भविष्य अब अंधकारमय हो गया है। सकारात्मक राजनीति की जीत हुई है। देश के लिए भ्रष्टाचार व गरीबी के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही आज की तारीख मेें महानायक और बाहुबली बनकर उभरे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल में नोटबंदी जैसा कड़ा फैसला लिया तथा जीएसटी लागू करवाया था। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी एक रैली में बेहद चेतावनी भरे तेवरों में चुनौती देते हुए कहा था कि यदि प्रधानमंत्री व भाजपा में यदि जरा सा भी साहस है तो वह नोटबंदी व जीएसटी पर सीधे चुनाव लड़कर दिखायें। आज जनता ने गांधी परिवार को अपना जवाब दे दिया है।
आज राष्ट्रवाद की ऐतिहसिक जीत हुई है। आज उन लोगों की भारी पराजय हुई है जो देश के विश्वविद्यालयों में हम लेकर रहेंगे आजादी के नारे लगवाकर देश का वातावरण विषाक्त बनाने की कोशिश कर रहे थे। आज कन्हैया कुमार, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी जैसे लोगों की बड़ी पराजय हो चुकी है। महाराष्ट्र में फर्जी बातों पर भीमा कोरेगांव हिंसा कराने वालों को जनता का करारा जवाब मिल गया है। आज सैम पित्रोदा और मणिशंकर अय्यर जैसे नेताओं को जनता का जवाब मिल गया है। आज फर्जी हिंदू आतंकवाद व भगवा आतंकवाद जैसे शब्द गढ़ने वाले लोगों को लखनऊ से लेकर भोपाल तक की जनता ने सटीक जवाब दे दिया है।
आज उन सभी नेताओं को जनता ने सबूत दे दिया है जो यह कहते फिर रहे थे कि पुुलवामा हमले से लेकर एयरस्ट्राइक तक पीएम मोदी और इमरान खान के बीच मैचफिक्सिंग हेै। पुलवामा हमले को दुर्घटना बताने वाले दिग्विजय सिंह को भोपाल ही नहीं अपितु संपूर्ण मध्य प्रदेश और राजस्थान की जनता ने भी भरपूर जवाब दे दिया है। जो लोग भाजपा को दलित व आरक्षण विरोधी करार दे रहे थे जनता ने उनको भी जवाब दे दिया है। लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद जिन तथाकथित सेकुलर तत्वों को देश में डर सता रहा था तथा समाज में जो लोग पीएम मोदी व बीजेपी के खिलाफ जहर उगल रहे थे उन सभी अराजक तत्वों को सही जवाब देश की जनता ने दिया है। पुरस्कार वापसी गैंग और अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थकों को चूहे के बिल में घुस जाना चाहिए। जम्मू कश्मीर की जनता ने अलगाववाद की सबसे बड़ी समर्थक महबूबा को सटीक उत्तर दे दिया है।
यदि लोकसभा चुनावों के परिणामों पर विहंगम दृष्टि डाली जाये तो पता चलता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद में जिस प्रकार पीएम मोदी से जाकर गले मिले और फिर आंख मारी थी उसे देश के जनमानस ने पसंद नहीं किया। आज ‘चैकीदार चोर है’ का नारा पराजित हो चुका है। साथ ही अब राफेल और ईवीएम का मुददा भी समाप्त हो जाना चाहिए। कांग्रेस पार्टी को यदि अब यहां से ऊपर उठना है तो उसे अपने अंदर क्रांतिकारी बदलाव लाने पड़ेंगे।
कांग्रेस व विरोधी दलों के नेताओं ने जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पचास से अधिक गालियां दे डालीं आज उन सभी की दुर्गति हो रही है। आधुनिक महाभारत की लड़ाई में जनतारूपी श्रीकृष्ण अधिकांश शिशुपालों को अपने सुदर्शन चक्र से सिरविहीन कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी को महिषासुर बताने वाले चंद्रबाबू नायडु का राजनैतिक अस्तित्व समाप्त हो चुका है। वहीं बिहार में पीएम मोदी को जल्लाद बताने वाले व नीतिश कुमार जी की तुलना डायनासोर से करने वाले तेजस्वी यादव और उनका दल तथा उनकी राजनीति को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। प्रियंका गांधी ने अमेठी में छोटे-छोटे बच्चों से पीएम मोदी को गालियां दिलवायीं थी आज उनके हाथ से अमेठी निकल चुका है।
कांग्रेस की पराजय उसी दिन तय हो गयी थी जिस दिन राहुल गांधी ने तीन तलाक की प्रथा को फिर से बहाल करने की घोषणा कर दी थी। कांग्रेस का चुनाव उसी दिन समाप्त हो गया था जिस दिन चुनाव घोषणापत्र में उन्होंने देशद्रोह कानून व जम्मू कश्मीर से सेना को हटाने का वायदा कर दिया था। राहुल गांधी हर जगह ‘चैकीदार चोर है’ के नारे लगवा रहे थे लेकिन आज वही नारा उनके सिर पर पड़ने जा रहा है। कहा जाता है कि कांठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती कांग्रेस के तीन राज्यों की जनता ने पांच माह में ही बता दिया है कि असली चोर कौन है। अभी 2019 के चुनावों का गहराई के साथ विश्लेषण काफी दिनों तक चलता रहेगा तथा काफी विषय आते रहेंगे। अभी आज की जीत के महानायक मोदी जी ही बनकर उभरे हैं तथा जहां अब उनके पास अगले पांच वर्ष में नये कीर्तिमान बनाने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है वहीं कांग्रेस व महागठबंधन की राजनीति करने वाले दल तथा देश में अभिव्यक्ति की आजादी का नाटक रचने वाले लोग व डर का भय फैलाने वाले सभी अराजक तत्व बेनकाब हो चुके है। जनता समझ चुकी है कि पूर्ण बहुमत वाली सरकारें ही देश का भला कर सकती हैं।
— मृत्युंजय दीक्षित