सामाजिक

फटाक-फटाक- 8

तेजी से बदलते इस युग में खबरें भी तेजी से बदलती रहती हैं. तेजी से बदलती इन खबरों को सहेजने के लिए प्रस्तुत है एक नवीन प्रयास फटाक-फटाक. फटाक-फटाक के इस अंक में ढेर सारी सकारात्मक खबरें संक्षेप में, लेकिन सबसे पहले बात हमारी 2 जीवनोपयोगी सूत्रात्मक काव्योक्तियों की-

वक्त ही बादशाह है,
ज़िंदगी में वक्त से बढ़कर कुछ नहीं,
अगर वक्त अपना है, तो सब अपने हैं,
और वक्त अपना नहीं, तो सब बेगाने हैं.

मंदिर में दाना चुगकर चिड़ियां मस्जिद में पानी पीती हैं,
मैंने सुना है राधा की चुनरी कोई सलमा बेग़म सीती हैं,
एक रफी था महफ़िल-महफ़िल रघुपति राघव गाता था,
एक प्रेमचंद बच्चों को ‘ईदगाह’ सुनाता था,
कभी कन्हैया की महिमा गाता रसखान सुनाई देता है,
औरों को दिखते होंगे हिंदू और मुसलमां,
मुझे तो हर शख़्स के बीच इंसान दिखाई देता है.

महात्‍मा गांधी और नियम-

महात्मा गांधी नियम के बड़े पाबंद थे। कोई भी नियम काफी सोच-विचार के बाद ही बनाते थे। उनके साबरमती आश्रम में भोजन के समय उउपस्थित होने के लिए दो बार घंटी बजती थी। नियमानुसार जो व्यक्ति दूसरी घंटी बजने तक भोजनशाला नहीं पहुंच पाता था, उसे दूसरी पंगत लगने तक बाहर बरामदे में ही खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता था। बापू इसे लेटलतीफी की मीठी सजा कहते थे. दूसरी घंटी बजते ही रसोई घर के दरवाजे बंद कर दिए जाते थे ताकि लेट आने वाले अंदर जा ही ना सकें.
एक दिन काम में व्यस्त बापू खुद लेट हो गए और मीठी सजा भुगतने के लिए अनुशासित आश्रमवासी की तरह बाहर ही प्रतीक्षा में खड़े रहे. भी वहां हरिभाऊ उपाध्याय भी पहुंच गए। उन्होंने वहां बापू को खड़े देखा तो मुस्कराते हुए बोले, ‘आज तो आपने भी नियम तोड़ दिया, लेट हो गए आने में. अब मीठी सजा तो आपको भी भुगतनी ही पड़ेगी.’ बापू कोई प्रतिक्रिया देते, इससे पहले ही उन्होंने कहा, ‘लेकिन आप खड़े क्यों हैं? रुकिए मैं आपके लिए कुर्सी लाता हूं.’ वह कुर्सी लेने जा ही रहे थे कि बापू ने हाथ पकड़ कर उन्हें रोक लिया और कहा ‘मैं सजा भुगतने में कमजोर थोड़े ही हूं!’ फिर कुछ ठहर कर बोले, ‘गलती हो जाए तो सजा पूरी भुगतनी चाहिए. जीवन में सच्चे आनंद को पाने के लिए यह जरूरी है.’

टाइम मैगजीन की पलटी
मोदी को ‘डिवाइडर इन चीफ’ के बाद अब टाइम मैगजीन ने बताया ‘भारत को एक सूत्र में पिरोने वाला PM’
28 मई को टाइम की वेबसाइट पर छपे इस आर्टिकल का शीर्षक 10 मई के मैगजीन के कवर पेज के शीर्षक से बिल्कुल उलट है. इसका शीर्षक है- ‘मोदी हैज यूनाइटेड इंडिया लाइक नो प्राइम मिनिस्टर इन डेकेड्स’ यानी ‘मोदी ने भारत को इस तरह एकजुट किया है जितना दशकों में किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया’.

मोदी सरकार- 2 की ताजपोशी हो चुकी है. मोदी सरकार 2 के सामने आर्थिक चुनौतियां अपार, कैसे पाएंगे पार-
मोदी जी 17 वीं लोकसभा के दौरान भी पीएम मोदी देश का नेतृत्व करते नजर आएंगे. उन्हें कई तरह की चुनौतियां का सामना करना पड़ेगा, उनमें से आर्थिक चुनौती भी एक है. मोदी जी ने अभी से इन चुनौतियों पर ध्यान देना शुरु कर दिया है.

मोदी सरकार का पहले 100 दिन का एजेंडा
नई औद्योगिक नीति, पर्याप्त रोजगार सृजित करने वाले क्षेत्रों में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना, प्रत्यक्ष कर की दरों को तर्कसंगत बनाना और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का काम तेज करना, मोदी सरकार 2.0 के 100 दिन के इकोनॉमी के एजेंडे में शामिल हो सकते हैं. असल में 100 दिन के एजेंड के लिए केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों से पीएमओ को मिल रहे सैकड़ों सुझावों में ये मसले शामिल हैं.
बजट में मिल सकती है करदाताओं को राहत
खेती किसानी और प्रमुख योजनाएं
कारोबार और सुगम होगा!
निवेश को बढ़ावा
डिजिटल नीति

छोटे कारोबारियों के लिए मुफ्त में अकाउंटिंग और बिलिंग सॉफ्टवेयर लेकर आया जीएसटीएन
जीएसटीएन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि करीब 80 लाख एमएसएमई ऐसे हैं जिनका कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से कम है.

ड्रोन अम्ब्रेला: उड़कर आपको बारिश से बचाएगी ये छतरी-
छाता, वो भी ऐसा कि जिसे हाथ में पकड़ने की जरूरत न पड़े और आप भीगने से बच जाएं. ड्रोन अम्ब्रेला को हाथ में लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह छाता हवा में उड़ते हुए आपके सिर के ऊपर साथ-साथ आगे बढ़ेगा. महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इस ड्रोन अम्ब्रेला का एक विडियो ट्वीट किया है-
‘हमारा फोकस लेटेस्ट टेक्नॉलजी वाली ऑटानमस कारों और वीइल पर है लेकिन मॉनसून के करीब आने के साथ, मैं ऑटानमस अम्ब्रेला की संभावनाओं को लेकर ज्यादा उत्साहित हूं.’

कभी सिर से जुड़े हुए थे जग्गा-बलिया, अब अलग-अलग जीने को तैयार, लौट रहे हैं ओडिशा
जुड़वां बच्चे जो सिर से जुड़े हुए थे और 2017 में सर्जरी कर दोनों को अलग किया गया था, अब चार साल के हो गए हैं. जग्गा सामान्य और स्वस्थ है. वह अब स्कूल जाने को तैयार है, लेकिन बलिया बिस्तर पर है लेकिन उसका वजन बढ़ गया है और ओरल फीडिंग के जरिए वह भोजन लेता है.

मोदी का शपथ ग्रहणः मेहमानों के लिए 48 घंटे से पक रही है ‘दाल रायसीना’
मोदी जी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले हजारों मेहमानों के लिए खाने-पीने की भी विशेष व्यवस्था की गई है. इसी लिस्ट में शामिल है दाल रायसीना, जो राष्ट्रपति भवन के किचन की स्पेशिऐलिटी है जिसे पकने में 48 घंटे का वक्त लगता है.

गुजरात: गोशाला चलाने का था जुनून, चार भाई-बहनों ने छोड़ी लाखों की नौकरी
गायों की सेवा करने के जुनून में चार चचेरे भाई-बहनों ने लाखों की नौकरी छोड़ दी. गुजरात के राजकोट की श्यामा गोंदालिया ने अपने 3 चचेरे भाइयों के साथ साल 2017 में एक गोशाला शुरू की. 15 एकड़ में बनी इस गोशाला में 25 देसी नस्लों की गाय हैं.

अलवर गैंगरेप पीड़िता को राजस्‍थान सरकार ने बनाया कॉन्स्टेबल
राजस्‍थान के अलवर में 26 अप्रैल को सामूहिक दुष्‍कर्म की शिकार महिला से मुलाकात कर मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने न्‍याय दिलाने का आश्‍वासन दिया था. जल्‍द ही उसे कॉन्‍स्‍टेबल पद का नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाएगा.

यहां दूल्‍हा नहीं होता अपनी ही शादी में शामिल, दूल्‍हे की बहन लेती है फेरे, ब्‍याह कर घर लाती है भाभी को
गुजरात के तीन आदिवासी गांवों में अनोखी परंपरा है. इसके तहत दूल्‍हे अपनी शादी में शामिल न होकर घर पर ही रहते हैं. उनकी जगह उनकी अविवाहित बहन दुल्हिन को ब्‍याह कर घर लाती हैं.

हेल्मेट न पहनने पर बाइक सवार ने गंवाए इंश्योरेंस के 6 लाख रुपये
मोटर ऐक्सिडेंट्स ट्राइब्यूनल ने हादसे में घायल शख्स को 45.5 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश दिया था. हेल्मेट न पहनने के कारण याचिकाकर्ता के मुआवजे की रकम छह लाख घटाकर 39.5 लाख रुपये कर दी गई.

जेट कर्मचारी की बेटी का दर्द, बोली- पापा गरीब हो गए हैं
47 साल के जेट के एक इंजिनियर ने बताया कि घर पर बैठकर प्रार्थना करना बहुत कठिन काम है. उन्होंने कहा, ‘मेरा परिवार बहुत दुखी है और पांच साल की बेटी कहती है कि मेरे डैड गरीब हो गए हैं.’

फटाक-फटाक- 7 से विशेष फटाक-फटाक समाचार-
रविंदर सूदन के सौजन्य से
आदरणीय दीदी, वैसे तो आपने आज तक तमाम तरह के भिखारी देखे होंगे और उनके बारे में सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी ऐसा भिखारी देखा है जो छुट्टे पैसे यानी फुटकर पैसे ना होने पर क्रेडिट कार्ड से भी भीख के पैसे लेता हो? जी हां! सुनने में यह थोड़ा अजीब जरुर है लेकिन ये बिलकुल सच है. ये भिखारी छुट्टे पैसे न होने पर क्रेडिट कार्ड से भी पैसे एक्सेप्ट करता है. यह अजीबो-गरीब मामला अमेरिका के मिशिगन का है जहां डेट्रोएट में रहने वाले 42 साल के एब हैगनस्टोन पिछले कई सालों से ऐसा ही कर रहे हैं. आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि किसी ने अगर हैगनस्टोन से यह कह दिया कि उसके पास खुले पैसे नहीं हैं तो यह उसके जवाब में उनसे क्रेडिट कार्ड से पैसे देने को कहते है. अंग्रेजी अखबार ‘द टेलीग्राफ’ में छपी खबर के मुताबिक एब हैगनस्टोन पिछले कई सालों से डेट्रॉएट में रेड लाइट पर ट्रैफिक में रुकी गाड़ियों के बीच भीख मांगने का काम कर रहे हैं. आपको बता दें कि शुरुआत में कई लोगों ने हैगनस्टोन से खुले पैसे न होने का बहाना बनाकर भीख देने से इंकार कर दिया तो ऐसे में एब ने एक मशीन ले ली, जो वीजा, मास्टर और अमेरिकन कार्ड एक्सेप्ट करती है. खबरों की मानें तो जो लोग हैगनस्टोन से खुले पैसे नहीं होने की बात करते हैं उन्हें एब तत्काल क्रेडिट कार्ड का ऑप्शन दे देते हैं. अब तो वह इसमें इतना माहिर हो चुके हैं कि ट्रैफिक में ग्रीन सिग्नल होने तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लेते हैं. केवल इतना ही हैगनस्टोन ने लिंक्डइन पर अपना प्रोफाइल भी बनाया है. वहीं, अपने पास एक बोर्ड भी रखा है, जिस पर लिखा है कि होटल की जरूरत है, शेल्टर भर चुके हैं.

फटाक-फटाक के इस अंक में आज बस इतना ही. आप भी कामेंट्स में फटाक-फटाक खबरें लिखकर हमारे साथ साझा कर सकते हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “फटाक-फटाक- 8

  • रविन्दर सूदन

    आदरणीय दीदी, नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक
    रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार इस बार लोकसभा में चुने गए 159 उम्मीदवारों ने अपने
    खिलाफ “गंभीर” आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 233 ने अपने हलफनामों में आपराधिक मामले दिखाए हैं, उनमें भाजपा के पांच सांसद शामिल हैं – जगदम्बिका पाल, मनोज किशोरभाई कोटक, कैलाश चौधरी, छतर सिंह दरबार और राजबहादुर सिंह; कांग्रेस
    से चार – डीन कुरीकोस, टी. एन. प्रतापन, के. सुधाकरन और वी.के. श्रीकंदन, और
    एक अकेली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के सांसद तलारी रंगैया। हालाँकि, विश्लेषण ने उन मामलों का विवरण नहीं दिया जिनके लिए उन्हें दोषी ठहराया गया था।रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 सांसदों ने हत्या से संबंधित मामलों की घोषणा की है। वे हैं: होरेन सिंग बीई, निसिथ प्रमाणिक, अजय कुमार, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और छतर सिंह दरबा (सभी भाजपा से), अतुल कुमार सिंह और अफजल अंसारी (बहुजन समाज पार्टी), अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस), उदयनराजे भोंसले (राष्ट्रवादी) कांग्रेस पार्टी), कुरुवा गोरंतला माधव (वाईएसआरसीपी) और नाबा कुमार सरानिया (निर्दलीय) विश्लेषण में कहा गया है कि इसके अलावा, महिलाओं के खिलाफ अपराध में 3 सांसद – सौमित्र खान (भाजपा), हिबी ईडन (कांग्रेस) और कुरुवा गोरंतला माधव (वाईएसआरसीपी) में हैं। “गंभीर” आपराधिक मामले में भाजपा के 87 सांसद हैं, उसके बाद कांग्रेस (19), जनता दल-यूनाइटेड (8), डीएमके (6) और तृणमूल कांग्रेस (4) हैं। सबसे आश्चर्य जनक बीएसपी के एक रेप के अपराधी फरारप्रत्याशी पुलिस की गिरफ्तारी से बचते मायावती से मिलने और नामांकन के बाद फिर फरार हो गये एक भी चुनावी सभा नही की और फिर भी जीत गये.
    https://www.youtube.com/watch?v=OEpzAPR_kGg Modi ji during 2014 election to oust criminals in one year

    • लीला तिवानी

      प्रिय ब्लॉगर रविंदर भाई जी, आप हमेशा सकारात्मक और अद्भुत खबरें भेजते हैं. इस बार आपने कुछ हटकर खबर भेजी है और इसके लिए बहुत शोध भी किया है. बहुत-बहुत शुक्रिया. हमारा कहना यह है कि जिसने जो कुछ कहा है वह वादा उसको पूरा करना है, अन्यथा जवाब देने के लिए जनता तैयार बैठी है. इस बार भी उसने काम करने वालों को पुरस्कृत किया है और न करने वालों को भी माकूल जवाब दिया है. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    दूसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी, मां हीराबेन ने खुशी से बजाई ताली
    नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। इस मौके पर उनकी मां हीराबेन ने भी टीवी पर शपथ ग्रहण समारोह का लाइव प्रसारण देखा।

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