लघुकथा

रिश्ता

गगन एक मध्यम वर्गीय सुदर्शन युवक था । फिल्मों का असर कहो या उम्र का, किशोरावस्था से युवावस्था की दहलीज पर आते-आते उसके दिल में भी एक अदद गर्लफ्रेंड् बनाने की कवायत कसमसाने लगी। और संयोग देखिए, उन्हीं दिनों उसके पड़ोस में रहने नए किराएदार आए जिनकी पुत्री सुरभि उसकी हमउम्र ही थी।
सुंदर, सुशील, मितभाषी दिखने वाली सुरभि पर गगन मन ही मन पर मर मिटा था और मन की बात कहने के लिए उचित वक़्त का इंतजार करने लगा था ताकि सुरभि पर अपने व्यक्तित्व की गहरी छाप छोड़ सके। सुरभि जहां भी जाती, वह भी उसके पीछे पीछे उचित बनाए चलता रहता और जल्द ही उसे हीरो बनने का मौका भी मिल गया।
एक दिल जब सुरभि बाजार जा रही थी तो कुछ मनचले उसे छेड़ने दिया। गगन को लगा कि छुईमुई सुरभि मदद के लिए पुकारेगी….  पर यह क्या,  ब्लैक बेल्ट सुरभि ने दो मिनट में ही उन गुंडों को जमीं पर पटक दिया और बोली -“मैं इस शहर में नई हूँ इसलिए आप लोग लोग मुझे नहीं जानते ! वरना गुंडे तो मुझसे इक उचित दूरी बना कर ही रखते हैं। फिर जैसे ही उसकी नजर गगन पर पड़ी, मुस्कुरा कर बोली – “भैया अब यकीन आया, आपकी बहन किसी से कम नहीं । आप भी ना खामखाह ! मेरी रक्षा के लिए  रोज मेरे पीछे-पीछे आ जाते थे।”
अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed