कविता

प्रियतम तेरी याद आई

सपनों की दुनिया में
सपनों की तलाश में
भींगी भींगी रातों में
भींगी भींगी बाहों मैं
प्रियतम तेरी याद आई।

चांदनी रातों में
तारों के बारातों में
जुगनू के प्रकाशों में
झूमती पुष्प लाताओं में
प्रियतम तेरी याद आईं।

घुमड़ते हुए बादल में
वर्षा के फुहारों में
बसंती बयार में
पलकों के छाव में
प्रियतम तेरी याद आई
विजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।