कवितापद्य साहित्य

योग की महिमा

जिस ध्यान मार्ग पर चलकर
शंभू महादेव कहलाएं,
जिस योग ज्ञान के बल पर
मुरलीधर ने गीता के सार सुनाएं।
जिस पथ पर चलकर योगी
पुरुष से महापुरुष बन जाए,
जिस ज्ञान के बल पर भारत
विश्व में दमखम अपना दिखाए।
आओ हम भी मिलकर आज
उसकी जयकार लगाएं,
चलो हम भी योग करें और
सारे जग को योगी बनाएं।
बड़ा चमत्कारी है योग
हर लेता हर तरह के रोग,
तन-मन में शक्ति भरकर
कर देता है तुरंत निरोग।
जीवन में जोश जगाने को
तनाव से मुक्ति पाने को,
अनिद्रा दूर भगाने को
करना होगा हमको योग।
प्रकृति का वरदान है योग
महाऋषियों का ज्ञान है योग,
कलियुग में तप है योग
आत्मशक्ति का जप है योग।
आओ मिलकर हम
इसे घरघर तक पहुंचाते हैं,
शांति, सुस्वास्थ्य का संकल्प लेकर
हम योगदिवस मनाते हैं।
हम योगदिवस मनाते हैं।।

मुकेश सिंह
सिलापथार,आसम।
09706838045

मुकेश सिंह

परिचय: अपनी पसंद को लेखनी बनाने वाले मुकेश सिंह असम के सिलापथार में बसे हुए हैंl आपका जन्म १९८८ में हुआ हैl शिक्षा स्नातक(राजनीति विज्ञान) है और अब तक विभिन्न राष्ट्रीय-प्रादेशिक पत्र-पत्रिकाओं में अस्सी से अधिक कविताएं व अनेक लेख प्रकाशित हुए हैंl तीन ई-बुक्स भी प्रकाशित हुई हैं। आप अलग-अलग मुद्दों पर कलम चलाते रहते हैंl