कविता

पति

पति आस है विश्वास है
पति अपनेपन का एहसास है
पति से बढ़कर कोई नहीं दुनिया में
पति प्यार का सागर है
पति से चांद तारा मांगा नहीं मैंने
तो उसने आंचल मेरा भर दिया प्यार से
पति से साथ मांगा मांगा था मैंने
वह साथ चल दिया मेरे
हर बात बिना समझे पूरी कर दी
पति ऐसा होता है
पति से प्यारा कोई नहीं
ऐसा सारे कहते हैं
हर पत्नी के जीवन में
पति अनमोल होता है
पति के बगैर जीवन जीना
100 कष्टों के समान है
चाहे जितनी हो लड़ाई
पर साथ उसका होना चाहिए
जब रूठ के बैठ जाता है
तो मनाना बहुत अच्छा लगता है।।
गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384