स्वास्थ्य

बवासीर का प्राकृतिक उपचार

बवासीर (अंग्रेजी में पाइल्स) के बारे में मैं एक लेख पहले दे चुका हूँ जिसमें बवासीर के कारण विस्तार से बताये गये थे और उसको दूर करने के उपाय संकेत रूप में दिये गये थे। यहाँ मैं बवासीर के प्राकृतिक उपचार की विस्तार से चर्चा कर रहा हूँ।

बवासीर से मुक्ति पाने के लिए निम्नलिखित क्रियायें इसी क्रम में करनी चाहिए-
1. सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुने या सादा पानी में आधा नीबू निचोड़कर और एक चम्मच शहद मिलाकर पियें। फिर 5 मिनट बाद शौच जायें।
2. शौच के बाद अरंडी या नारियल या सरसों के तेल से गणेश क्रिया करें।
3. गणेश क्रिया के बाद ठंडे पानी से कटिस्नान लें। यह करते समय किसी कपडे को तीन-चार तह करके ठंडे पानी से तर करके गुदा के ठीक नीचे रख लें।
4. कटिस्नान के बाद टहलने जायें और अपनी शक्ति के अनुसार दो-ढाई किलोमीटर तक तेजी से टहलें।
5. टहलने के बाद कहीं बैठकर लगभग 100 बार अश्वनी मुद्रा करें।
6. इसके बाद नौली क्रिया करें या उसके विकल्प के रूप में अग्निसार क्रिया करें।

आप किसी योग केन्द्र पर जाकर या मेरी लिखित पुस्तिका “स्वास्थ्य रहस्य” से ये क्रियायें सरलता से सीख सकते हैं और पूरा लाभ उठा सकते हैं। इन क्रियाओं के साथ साथ हल्का भोजन करना और पर्याप्त मात्रा में साधारण शीतल जल पीना आवश्यक है।

— डॉ विजय कुमार सिंघल
आषाढ़ शु. 4, सं 2076 वि (6 जुलाई 2019)

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com