राजनीति

माब लिचिंग के बहाने दंगे भड़काने की साजिशें

जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ण बहुमत की दोबारा सरकार बनाने के बाद सबका साथ सबका विकास के साथ ही सबका विश्वास भी जोड़ दिया है और मुस्लिम समाज के लिए कई ऐतिहासिक कदमों का ऐलान किया है, जिसमें 5 करोड़ गरीब मुस्लिम छात्रों को छात्रवृत्ति सहित हज यात्रा के लिए अल्पसंख्यकों आदि का कोटा बढ़ाया गया है उसके बाद पूरे देश में मुसिलम कट्टरपंथी तत्व और संघ व भाजपा के नाम पर मुस्लिम समाज में डर पैदा करने वाले तत्व एक बार फिर पूरी ताकत के साथ सक्रिय हो गये हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने नये सदस्यता अभियान में मुस्लिम समाज के लोगों को भी भाजपा के साथ जोड़ने का निर्णय लिया है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी मुस्लिम समाज के बीच अब अपनी अच्छी उपस्थिति को दर्ज करा रहा है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारीगणों व कार्यकर्ताओं का अब मुुस्लिमों के शैक्षिक संस्थानों में भी प्रवेश हो रहा है तथा दोनों समाज के लोग आपस में एक दूसरे को गहरायी से समझने और जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।
वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों में करके उनका दिल जीतने व उनके करीब आने का सफल प्रयास करती नजर आ रही है। लेकिन इसी बीच झारखंड के रांची शहर में एक साजिश के तहत तथाकथित घटना घटती है जिसमें जय श्रीराम न बोलने पर एक मुस्लिम तरबेज खान की पीटकर हत्या कर दी जाती है। इस शर्मनाक घटना के बाद देश की तथाकथित सेकुलर जमात और कटटरपंथी मुसलमानों को शरण व संरक्षण देने वाले राजनैतिक दलों के आंखों में आंसू आना व उनका रुदन प्रदर्शन के साथ बयानबाजियां शुरू करना एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया था। आज माब लिचिंग की एक शर्मनाक घटना पर वह भी तब जबकि वह अभी तक पूरी तरह से प्रमाणित नहीं हो सकी है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में स्पष्ट रूप से बयान भी दे चुके हैं। उसके बाद भी कटटरपंथी ताकतें, यानी माब लिचिंग गैंग व टुकड़े-टुकड़े गैंग पूरी ताकत के साथ सक्रिय हो उठा हेै।
अब यह सेकुलर ताकतें तरबेज खान की आड़ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर देश की राजधानी दिल्ली, जयपुर, रांची और सूरत को सांप्रदायिक दंगों की आग में झोकने की साजिशें लगातार रच रही हैं। सवाल यह उठता है कि रांची में एक तरबेज मारा गया तो इतना अधिक शोर हो रहा है कि उसकी आवाज अमेरिका तक चली और यही नहीं विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता के मैच के दौरान भी एक हेलीकाप्टर में स्टाप माॅब लिचिंग इन इंडिया का बैनर लटकाकर स्टेडियम में उड़ रहा था। आज जिस प्रकार से तरबेज की घटना की आड़ में प्रदर्शन हो रहे हैं तथा सेकुलर आंसुओं से तालाबों को भरने का प्रयास किया जा रहा है क्या कभी यह लोग पश्चिम बंगाल में 50 से अधिक जो भाजपा व संघ के कार्यकता मारे गये हैं उनके प्रति अपनी संवेदना प्रकट करेंगे। अभी हाल ही में बंगाल में जय श्रीराम बोलने पर एक युवक की हत्या कर दी जाती है। लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद यह सेकुलर ताकतें बहुसंख्यक हिंदू समाज के हित में एक भी शब्द नहीं बोल रहीं। यही कारण है कि आज देशभर में एकतरफा माब लिचिंग का शोर मचाने वाले दल हिंदू जनमानस के नजरों से धूलि होत जा रहे हैं।
तरबेज के नाम पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अंदर ही अंदर सांप्रदायिकता की आग में झुलसाने का खेल खेला जा रहा है। आज वहां तरबेज के नाम पर बहुत अचानक व तीव्रता के साथ उन्मादी भीड़ एकत्र होती है तथा केंद्र सरकार व राज्य सरकारों व भाजपा तथा संघ के खिलाफ जहर उगलते नारे लगाती है और भीड़ को संबोधित करने वाले तत्व उकसाने वाले तथा धार्मिक उन्माद को भड़काने वाले नारे लगवाकर उक्त भीड़ को हिंसा के उकसा रहे हैं। यह तो उप्र पुलिस व प्रशासन की इतनी अधिक चुस्त व्यवस्था है कि अमन व शांति के दुश्मन यह तत्व अपनी नीच हरकतों में सफल नहीं हो पा रहे हैं तरबेज के नाम पर होने वाले प्रदर्शनों में सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। प्रशासनिक सतर्कता के चलते इंटरनेट सेवाओं को बार-बार बंद किया जा रहा है। आगरा से लेकर मेरठ व अलीगढ, मुजफ्फरनगर सहित सहित सभी जिलों में अंदर ही आंदर हालात बहुत तनावपूर्ण हैं।
देशविरोधी व विकासविरोधी उन्मादी तत्व हिंसा भड़काकर अपनी राजनैतिक गोटियां मजबूत करना चाह रहे हैं। यहंा पर मुस्लिम गुंडे व कटटरपंथी तत्व कुछ अधिक सक्रिय हो उठे हैं। तबरेज विरोधी प्रदर्शन आयोजित करने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली जा रही है। प्रायः शुक्रवार के दिन नमाज के बाद व उसके कुछ पहले से ही उन्माद भड़काने की साजिशें की जा रही हैं मुस्लिम विकास परिषद और उप्र मुस्लिम एक्शन कमेटी जैसे संगठन पैदा हो गये हैं इन अचानक बने संगठनों को बहुजन समाजवादी पार्टी व समाजवादी पार्टी जैसे दलों का भी सहयोग अंदर ही अंदर प्राप्त हो रहा है।
पलायन के चर्चा में आया मेरठ लगातार चर्चा में बना हुआ है। वहां पर जनमानस में विश्वास बहाली के लिए फ्लैग मार्च किया गया क्योंकि सोशल मीडिया के माध्यम से भारत बंद की अफवाहें उड़ायी जारही थी तथा कई जगह उपद्रव भी हुये लेकिन यह प्रशासन की बड़ी सफलता रही कि सोशलमीडिया के माध्यम से अफवाहें उड़ज्ञकर उपद्रव कराने की कोशिश कर रहे बदर अली को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है तथा शांतिभंग करने के आरोप में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। यही हाल हर जिले का है। मेरठ, आगरा, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर आदि शहरों व उससे सटे छोटे कस्बों आदि में स्कूल जाती व नौकरी पर जा रही युवतियों के साथ छेड़छाड़ की वारदातों में भी तेज वृद्धि हुई है।
हिंदुओं के धार्मिक स्थलों पर हमले हो रहे हैं। अभी दिल्ली में मां दुर्गा के एक सौ साल पुराने हिंदू मंदिर पर हमला बोला गया और फिर उसी की तर्ज पर मुजफ्फर नगर में हनुमान मंदिर पर हमला बोला गया। अलीगढ़ में संघ के स्वयंसेवकों पर भी सुनियोजित साजिश के तहत बिना किसी उकसावे के हमला किया जाता है। आज पश्चिमी उप्र के हालात बहुत बिगड़ रहे हैं उन्मादी लोग आचानक से एकत्र होकर नारेबाजी कर रहे हैं तथा फिर आक्रोश के नाम पर दुकानें व बाजार बंद करवाने का प्रयास करते हैं , तोड़फोड़, आगजनी व युवतिययों तथा महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की वारदातों को अंजाम देते हैं यही नहीं जब पुलिस बल घटनास्थल पर पहंुचता है तब उनके वाहनों व उन पर भी कश्मीर की तर्ज पर हमले किये जा रहे हैं क्या इस प्रकार की घटनाएं माब लिचिंग नहीं है। यही लोग सड़कों पर स्टंटबाजी कर अपनी दबंगई का प्रदर्शन कर प्रशासन व हिेंदू जनमानस को खुली चैनौती भी दे रहे हैं तथा बहुत बडा सिरदर्द बन गये हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सही कहना है कि किसी न किसी बहाने उपद्रवी तत्व प्रदेश का वातावरण खराब करने की साजिश लगातार रच रहे हैं। इन सभी तत्वों को सपा ,बसपा, कांग्रेस व अन्य तथाकथित छोटे दलों का ही समर्थन व संरक्षण मिल रहा है। इनदलो की नजरों में हिंदुओं का उत्पीडन उनकी बेटियों का मान मर्दन करना , माब लिचिंग नहीं अपितु मुस्लिम तुष्टीकरण के नाम पर उनके मजबूत वोटबैंक का आधार है। यह दल चाहते हैं कि हिंदू जनमानस हमेशा लुटता रहे पिटता रहे उसकी अस्मिता के साथ खिलवाड़ होता रहे लेकिन उसके मुंह से उफ तक न निकले और कोई भी संस्था उनकी सुनवाई न कर सके। जब इन उपद्रवों में मुस्लिम समाज स्पष्ट रूप से फंसता नजर आता है तब यही दल और तथाकथित मानवाधिकारी दल ऐसे तथाकथित धर्मावंलबी गुंडों के समर्थन में आकर खड़े हो जाते हैं और घटनाओं के अस्तित्व को ही नकारने लग जाते हैं।
अभी दिल्ली के मंदिर पर जिस प्रकार से हमला हुआ और सभी साक्ष्य मुसलमानों और आम आदमी पार्टी की तरफ जाने लगे तो खबर को दबाने का प्रयास होने लगा। लेकिन केंद्र में नया गृहमंत्री आने के बाद परिस्थ्तिियां बदली हैं और दुर्गा मता मंदिर को निशाना बनाने वाले लोग चिन्हित कर लिये गये हैं जिसमें चार नाबालिग है। इन घटनाओं को अंजाम देने के लिए मुस्लिम समाज के कट्टरपंथी तत्व बड़ी चतुराई से नाबालिगों का उपयोग कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि ऐसे तत्वों को बेनकाब किया जाये और न्याय के रवाजे पर सजा दिलायी जाये। माब लिचिंग शब्द का उपयोग राजनैतिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिए हो रहा है। इसकी आड़ में गली-गली में दंगा कराने वाला गैंग पूरी ताकत के साथ सक्रिय हो उठा है लेकिन हम सभी को बेहद सतर्कता बरतने व सावधान रहने की जरूरत है। ताकि यह लोग अपनी साजिश में सफल न हो सकें

— मृत्युंजय दीक्षित