कविता

चंद्रयान

थाम के देश के सपनों के तार
लेकर चला चंद्रयान -2 उस पार
चाँद को जमीं बनाने निकला
इतिहास लिखने भारत आगे बढ़ा
फलक पर पहुचा हमारा यान
नभ को निहार कर
उसकी जमीं को छुकर
चाँद के साथ ले वो चला
अस्तित्व हैं चाँद का
यह सारी दुनिया को बतलाना हैं
कह दो सारी दुनिया को
अब चाँद हमारा हैं
बनाना हैं अब रिकार्ड हमारा
कामयाब हुआ भारत प्यारा
चाँद हमारी मुठ्ठी में
उम्मीद हमारी पलकों पे हैं
चाँद को छूने को आतुर
करोड़ो भारतीयों की आशा लेकर
चंद्रयान ने भरी उडान
बस 48 दिन की बात हैं
उसके बाद फतह मैदान हैं

शोभा गोयल

शोभा गोयल

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