ग़ज़ल
दरिया में उतर आए मियां जुल्म के डर से । पानी न गुज़र जाए कहीं आपके सर से ।। लगता
Read Moreभारत में एक बार फिर से जलप्रलय ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है और उफनते नदियों के जल
Read Moreक्यों? राख हथेली पर रखूँ सवाल करूँ हल्के फुल्के उलझे अपनों से, अभी राख चंद मिनटों में उड़ जायेगी या घुल
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की और इसके द्वारा संगठित रूप
Read Moreस्ट्रीट चिल्ड्रन ‘देखा, उसके हाथ में कितना सुन्दर गिलास है’ बातुल ने गंजू से उस गिलास से कोई पेय पदार्थ पीते
Read Moreकरूँ वंदना मैं, मातु तुम्हारी…. शरण पड़ी हूँ रख लाज हमारी… करूँ वंदना मैं…………………. न है ज्ञान माता,झोली खाली हमारी
Read Moreकहने को तो घर में हूँ. पर दिन-रात सफ़र में हूँ. मेरी नज़र में वो न सही, पर मैं उसकी
Read Moreमुम्बई । महानगर की साहित्यिक,सामाजिक एवं सास्कृतिक संस्था ‘साहित्य संगम’ द्वारा प्रति वर्ष दिया जाने वाला राष्ट्रीय स्तर का ‘मनहर
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