अभिसंधा (लेखनी)
वह सोने की कोशिश कर रहा था परंतु उसे नींद नहीं आ रही थी। घर के सारे खिड़की दरवाजे उसने
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Read Moreहंसते -हंसते पल में क्या हो जाता है। जो रोता है कभी वो सब पा जाता है। पल की खबर
Read Moreइस धरती की कठिन डगर पर, आगे बढ़ते जाएंगे साहस के पुतले बनकर हम, जग को स्वर्ग बनाएंगे- आज हमारी
Read Moreहाल ही में एक सरकारी संस्था (एन एस एस ओ ) जो देश के चुनिंदा 45 शहरों की बेरोजगारी दर
Read Moreसंवेदना शाम को कीर्तन में ”रात श्याम सपने में आयो—–” भजन गाकर आई थी और रात तक यह भजन उसको
Read Moreजब से मूलभूत आवश्यकताओं के अभाव में लोगों के मरने की समस्या खत्म हुई है, मानव जनित एक नई समस्या
Read Moreवृक्ष की महिमा अनमोल बड़ी (गीत) हे वृक्ष तुम्हारी महिमा का क्या कहना है अनमोल बड़ी तेरी रचनाएं देख-देख है
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