सरसी छन्द गीत – धर्म, मजहब
दया धर्म का आश्रय लेकर ,काले करते काम । छुरा पीठ में घोंप भजें वो ,मुख से सीता राम ।
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Read Moreबेटी का स्वागत करो,…ना कर तू संहार। न हों धरा पर बेटियाँ, मिट जाये संसार।। निर्मम हत्या भ्रूण की,….मत कर
Read Moreएक अध्यापक का परम कर्तव्य है कि वह सबसे पहले एक अच्छा ज्ञानवान गुरु बने और अपने विद्यार्थियों में ज्ञान
Read Moreहर चीज के साइड इफैक्ट्स होते हैं, चाहे वह खाने-पीने की चीज हो, दवाई हो, या कोई सीख हो. रोड
Read Moreनहीं कोई सुंदर है तुझ-सा ज़मी पर फलक पर,इधर पर,उधर पर,कहीं पर। कहाँ चाँद ने रूप तुझ-सा है पाया कभी
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