चमत्कार है तो नमस्कार है…
डयूटी के दौरान लोगों के प्रिय – अप्रिय सवालों से सामना तो अमूमन रोज ही होता है। लेकिन उस रोज
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Read Moreओ३म् वर्तमान युग में ज्ञान व विज्ञान विकास एवं उन्नति के शिखर पर कहे जाते हैं। यह बात भौतिक विद्याओं
Read Moreओ३म् वेद मनुष्यों को ज्ञानी बनकर देश व समान को ज्ञान से लाभान्वित करने की प्रेरणा देने के साथ उसकी
Read Moreओ३म् मनुष्य, आस्तिक हो या नास्तिक, बचपन से ही उसके मन में सृष्टि व इसके विशाल भव्य स्वरूप को देखकर
Read Moreदेखकर सूखे पत्ते की सूखी उभरी नसों को याद आ गई बूढ़ी माँ छोड़ आया था जिसे नितांत अकेला सूने
Read Moreमुँह का काम कुछ ज़्यादा ही बढ़ गया लगता है। जब यह शुरू हो जाता है तो किसी की सुनना
Read Moreसन् 1978 में फिल्म आई थी ‘त्रिशूल’ जिस पर साहिर लुधियानवी साब द्वारा लिखा हुआ एवं लता जी किशोर कुमार
Read Moreबस आज में जीना है! चाँद शरमा जाता था और सितारे रंग बदलते थे मयखाने जाने से पहले ही कदम
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