कविता

बधाई हो

बधाई हो

यशोदा मैया बधाई हो बधाई,
नन्द घर लाला आया बधाई हो,
लाला आने की सुन मैं आई ,
बधाई हो , बधाई

मैया लाला है आया तेरे आँगन,
बधाई दे दे मुझे ।।
हीरा , मोती ,पन्ना , मानक,
कुछ न चाहिए मुझे ,

लहँगा , चुन्नी , गोटा , ,
न चाहूँ मैया
टिका , नथनी , पायल,
झुमकी, चूड़ी भी न
चाहूँ मैया ,
गैया, जमीन , जागीरी ,
राज कोई न चाहूँ मैया ।।।।।

जो तुझे कुछ न चाहिए ,
तो क्या दूँ बधाई में ,
बोल क्या दूँ बधाई में ,

सुन मैया मुझे क्या चाहिए,
फौरन मुझे घुमा दे तु,
थोड़ा विदेश हो आऊँ मैं,

नया मोबाइल मुझे दिलवा दे ,
गपशप करूँगी मैं रोज़ ,

और नहीं तो डेटा रिचार्ज ,
हर महीनें तुम करवा देना ,
मैया बधाई दे दो बधाई,

पड़ोसी सारे दिन लड़ता हैं,
मुझे एक फ्लैट दिलवा दे,
जो हो मेरा मैया

ज्यादा नहीं चाहूँ बधाई ,
मैया दे दे बधाई ,

एक वचन दे दे मुझे आज,
लाला को तुम सिखलाओगी,
करे सभी नारी की इज्ज़त,

आदर करे सभी का ,
न करे शील भंग किसी भी,
मासुम का वो कभी भी,

यह एक वचन ही दे दे मैया,
आज बधाई में ,
यशोदा मैया दे दे बधाई ।।।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।