गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

कभी गर वक्त आया तो कलम तलवार कर देंगे
कोयल से सुरों में हम सुनो अंगार भर देंगे।

झुकाते हैं अदब से सर हमें कायर न समझो तुम
काटकर दुश्मनों का सर गले का हार कर देंगे।

नफरतें दिल में रख लेना हमने सीखा नहीं है
दिखाकर आईना तुमको तुम्हें बेजार कर देंगे।

ये वीरों की धरती है न भिड़ना भूल कर हमसे
पीठ पीछे नहीं सीने पर तेरे वार कर देंगे।

मोहब्बत है वतन से हमको मरना भी गवारा है
लहू से हम वतन ए जान का सिंगार कर देंगे।

अभी खामोश है जानिब शराफत की दवा लेकर
संभल जाओ नहीं तो अब तुम्हें बीमार कर देंगे।

पावनी जानिब सीतापुर

*पावनी दीक्षित 'जानिब'

नाम = पिंकी दीक्षित (पावनी जानिब ) कार्य = लेखन जिला =सीतापुर