पर्यावरण

‘पृथ्वी जैसे’ ग्रह खोजने का दावा

प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका ‘नेचर ‘ में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और बेल्जियम यूनिवर्सिटी ऑफ लेज के वैज्ञानिकों ने संयुक्त रूप से अन्वेषण कर हमारी पृथ्वी से लगभग 40 प्रकाश वर्ष दूर ट्रैपिस्ट-1नामक एक छोटे और ठंडे तारे के पास तीन ग्रहों को खोजने का दावा किया है, जो ‘हमारी शस्य श्यामला धरती ‘ जितने आकार के हैं। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार ‘स्पिट्जर स्पेस टेलिस्कोप ‘से खोजे गये इन ग्रहों का आकार भी लगभग पृथ्वी के बराबर ही है और ये ग्रह अपने तारे से इतनी दूरी पर हैं, जहाँ ‘जीवन संभव है ‘ (इसे अंग्रेजी में ‘गोल्डी लॉक जोन ‘कहते हैं)। ये ग्रह हमारी पृथ्वी जैसे ठोस चट्टानी सतह वाले हैं, जहाँ जीवों और वनस्पतियों का अस्तित्व संभव हो सकता है, क्योंकि यहाँ हवा और पानी भी होने की संभावना है। बेल्जियम के वैज्ञानिक माइकल गिल्लन के अनुसार यह पहला मौका है जब लगभग धरती के आकार के इतने सारे ग्रह एक ही तारे के नजदीक घूमते हुए पाये गये हैं। यह तारा बहुत ही ठंडा है और हमारे सूरज के आकार का मात्र 8 प्रतिशत ही आकार का है।
नीदरलैंड के खगोल वैज्ञानिक इग्नस स्नीलन के अनुसार इस तारे की आयु 50 करोड़ साल है। और भविष्य में इस तारे की रहने की आयु लगभग 10 खरब साल आँकी गई है, क्योंकि यह अपना हाइड्रोजन ईंधन का इस्तेमाल बहुत धीरे-धीरे कर रहा है, इसलिए इसका जीवन सूर्य से बहुत लम्बा होगा। हमारा सूरज खरबों साल बाद जब निस्तेज हो जायेगा, उसकी ऊर्जा खतम हो जायेगी, तब भी ‘ये तारा ‘अपनी ‘लाल ‘आभा के साथ बना रहेगा, जीवित रहेगा।
वैज्ञानिक इन ग्रहों के वातावरण में उपस्थित अणुओं का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और यह भी कि वहां ऑक्सीजन मौजूद है कि नहीं, और है तो कितनी मात्रा में। इस ग्रह पर ऑक्सीजन की उपलब्धता से यहाँ पर जीवन की संभावनाएं बढ़ जाएंगी, क्योंकि इन ग्रहों की अपने तारे से दूरी इतनी है कि उस परिस्थिति में वहाँ पानी ‘द्रव अवस्था ‘में रह सकता है, यह जीवन की उत्पत्ति के लिए बहुत आदर्श स्थिति है। माइकल गिल्लन के अनुसार इन ग्रहों की स्थिति वृहस्पति ग्रह के आसपास उपस्थित चन्द्रमाओं से काफी हद तक मिलती -जुलती है।
इन वैज्ञानिकों के अनुसार इन ग्रहों से इनके तारे की दूरी लगभग उतनी है कि इन ग्रहों से इनका तारा हमारे सूर्य से लगभग दस गुना बड़ा दिखाई दे रहा होगा। अंतरिक्ष में सितारों और ग्रहों की दूरी प्रकाश वर्ष में मापी जाती है (एक प्रकाश वर्ष की दूरी प्रकाश किरणों द्वारा एक वर्ष में चली गई दूरी होती है, जबकि प्रकाश की गति दो लाख निन्यानबे हजार सात सौ बानवे दशमलव चार.पाँच.आठ.किलोमीटर प्रति सेकेंड , 299792.458 किलोमीटर /सेकंड होती है)
खगोल वैज्ञानिकों द्वारा अब तक खोजे गये कुछ ग्रह निम्नांकित हैं, जिन पर वैज्ञानिकों के अनुसार जीवन संभवतया विकसित हो रहा हो या हमारे भी ज्यादे विकसित हो, परन्तु हमारी पृथ्वी से उनकी दूरी बहुत ज्यादे है। {1} वृहस्पतिवार के एक चाँद ‘यूरोपा’ जो हमारे चाँद से थोड़ा सा छोटा और हमारी पृथ्वी से 62 करोड़ 83 लाख किलोमीटर दूर है, {2} कैप्लर-186 जो हमारी पृथ्वी से 490 प्रकाश वर्ष दूर है और इससे 10 गुना बड़ा है, {3} ग्लीन-581, तुला तारामंडल में स्थित यह ग्रह हमारी धरती से 2 या 3 गुना बड़ा है और यह 20 प्रकाश वर्ष दूर है, {4} कैप्लर-22 बी, यह पृथ्वी से 2.5 गुना बड़ा है और 600 प्रकाश वर्ष दूर है, इस ग्रह का तापमान 22 डिग्रीसेंटीग्रेड है, वैज्ञानिकों के अनुसार यहाँ जीवन संभवतया हो, एच.डी.-49307, यह ग्रह पिक्टोर तारामंडल में स्थित है, जो हमारी धरती से 22 प्रकाश वर्ष की दूरी पर अवस्थित है, यह अपने तारे से नौ करोड़ किलोमीटर दूर से चक्कर काट रहा है, जो हमारी धरती और सूरज की दूरी की लगभग आधी है।
इंतजार करिए इस ब्रह्मांड में एक न एक दिन अवश्य हमारे जैसे लोग अन्य ग्रहों पर भी मिल ही जाएंगे, हमारे वैज्ञानिक इस खोज में दिनरात लगे हुए हैं। हो सकता है ‘वे लोग ‘ हमें ढूंढ रहे हों। उम्मीद हमेशा सकारात्मक रखनी चाहिए।

— निर्मल कुमार शर्मा

*निर्मल कुमार शर्मा

"गौरैया संरक्षण" ,"पर्यावरण संरक्षण ", "गरीब बच्चों के स्कू्ल में निःशुल्क शिक्षण" ,"वृक्षारोपण" ,"छत पर बागवानी", " समाचार पत्रों एवंम् पत्रिकाओं में ,स्वतंत्र लेखन" , "पर्यावरण पर नाट्य लेखन,निर्देशन एवम् उनका मंचन " जी-181-ए , एच.आई.जी.फ्लैट्स, डबल स्टोरी , सेक्टर-11, प्रताप विहार , गाजियाबाद , (उ0 प्र0) पिन नं 201009 मोबाईल नम्बर 9910629632 ई मेल .nirmalkumarsharma3@gmail.com