फ़िराक़ गोरखपुरी (28.08.1996–13.03.1982) विनम्र श्रद्धांजलि
अजब जादू भरे अश्आर के ख़ालिक़, सभी को याद है अब भी गुले नग़मा। फ़िराक़ गोरखपुरी की शायरी में गुल-ए-नगमा,
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Read Moreभारत को ओलंपिक मे स्वर्ण पदक दिलवाने वाले महान और कालजयी हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के प्रति सम्मान प्रकट करने
Read Moreज्यादा तर मतलब का है व्यवहार आज की दुनिया में है तो लेकिन कम है सच्चा प्यार आज की दुनिया
Read Moreहौसला है मंजिलों का रास्ता मालूम है इसलिये तो ज़िन्दगी का फलसफ़ा मालूम है और कुछ मालूम चाहे हो नही
Read Moreसुखदा के लिए उपप्रधानाचार्या जैसे मान-सम्मान और शानदार वेतन वाले पद से इस्तीफा देकर खेती करने लग जाना समाज के
Read Moreओ३म् शाहपुराधीश सर नाहरसिंह वम्र्मा जी (जन्म कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी सम्वत् 1912 विक्रमी एवं मृत्यु आषाढ़ कृष्णा 8, सम्वत् 1989
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