कविता

मामा

हम तो खाली हाथ नहीं जाएंगे ,
तेरे घर आये है, तो खीर पूरी खाएंगे,
मामा का दुलार , मामी का प्यार लेंगे,
घर आ मां को, किस्सा सारा सुनाएंगे,
सम्पर्क टूट गया तो क्या, उम्मीद है बाकी
मैं तो उतर गया , कर हिम्मत पूरी आज,
मामा के आँगन में आज देखो दुनिया वालों,
जल्द ही मां से सम्पर्क भी होगा मेरा,
बहुत जिद्दी हूँ मामा, भांजा हूँ मैं तेरा।
कोई कुछ भी कह ले मेरे लिए ,
मैं तो लाड़, प्यार, दुलार तेरा ,
ले कर ही लौट कर जाऊँगा धरती पर,
सम्पर्क का क्या है वो भी हो जाएगा ।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।