कविता

ईमानदारी ही ईमान

ईमानदारी एक शब्द नहीं ये ईमान है,
ये देश को दिलाता एक सम्मान है।
ये देश के विकास को बढ़ाता है,
खुद की प्रगति भी कराता है।।

ईमानदारी से ही देश मजबूत होता है,
ईमानदारी से ही देश का मान मजबूत होता है ।
देश की शान ईमानदारी से ही है,
देश की जान ईमानदारी से ही है।।

ईमानदारी भ्रष्टाचारीयों के खिलाफ जज्बा लाएगा,
अपने देश की ताकत को बढाएगा।
अपने देश की प्रगति का सिलसिला लाएगा,
मानवता की मुहिम को मंजिल तक ले जाएगा।।

जो ईमानदारी को धर्म मानकर करते हैं कार्य ,
उनको मोह त्याग करना होता है अनिवार्य ।
हमें करना उनका अनुसरण जो चलते हैं सत्य की राह,
जो दूसरों की करते हैं मदद उसकी ही होती है वाह।।

ईमानदारी के किये कार्य का मिलेंगे अच्छे परिणाम ,
जो सत्कर्म करता है उसका होता है नाम।
ईमानदारी ही देश को बनाएगा महान,
देश की मजबूती करेगा ये प्रदान।।

— मृदुल शरण