लघुकथा

एक वृक्ष की क़ीमत

कक्षा में अध्यापक जी बच्चों को वृक्ष की उपयोगिता के बारे में बता रहे थे….
“बच्चों क्या तुम्हें पता है? अगर एक पेड़ पचास साल जीता है तो वह हमें क्या देकर जाता है?”
“नहीं सर” कक्षा में जोर से आवाज़ आई!
“चलो तो इसे समझते हैं।” अध्यापक जी बोलते हैं..
“एक पेड़ हमें क़रीब दो लाख रूपये की लकड़ी, एक लाख मूल्य के फल—फूल, जड़ी—बूटी, दस लाख लोगों को ऑक्सीजन, एक लाख पशु—पक्षी और कीड़े—मकोड़ों को आवास, इतना सबकुछ देता है।” अध्यापक जी बच्चों को समझाते हुए कहते हैं।
“बच्चों चलो आज हम यह प्रण करें कि एक पेड़ एक साल में लगाना ही है और उसकी देख—भाल भी हमें ही करनी है।” कहकर अध्यापक जी चुप हो जाते हैं।
पूरी कक्षा जो अध्यापक जी की बात ध्यान से सुन रही थी, ज़ोर से सब एक साथ बोलते हैं “जी सर हम साल में एक बार ही क्यों? हमें जब भी मौक़ा मिलेगा तब ही पेड़ लगायेंगें और देखभाल भी करेगें ख़ुद से।”
अध्यापक जी ख़ुश हो बच्चों को आशिर्वाद देते हुए कमरे से बाहर निकल जाते हैं।

नूतन गर्ग (दिल्ली)

*नूतन गर्ग

दिल्ली निवासी एक मध्यम वर्गीय परिवार से। शिक्षा एम ०ए ,बी०एड०: प्रथम श्रेणी में, लेखन का शौक