लघुकथा

जरा सी भूल

 

जब से ट्रैफिक के सख्त नियम लागू हुए,राजीव काफी परेशान नजर आने लगा।ऐसा नहीं था उसके पास अपनी कार के पूरे पेपर नहीं थे लेकिन अपनी आदत के अनुसार पोलूशन के पेपर वह कभी भी नहीं बनवाता था।

इस वजह से कभी कोई कार्यवाही तो उसपर नही हुई।पुलिस वालो से भी वह पेपर ना होने की वजह से कभी नहीं डरा।अभी ट्रैफिक के नियम लागू होने के बस पांच दिन ही हुए थे।लेकिन राजीव ने अपने पेपर अभी भी पूरे नही किये थे।

लेकिन अब राजीव के मन में यह डर जरूर था कि कहीं कोई पुलिस वाला उसे ना मिल जाए।लेकिन जो आदते उसे पिछले 5 साल से लगी हुई थी वह कैसे सुधरे।अपनी आदत के अनुसार लापरवाही करते हुए बिना पोलूशन के पेपर के वह अपनी मस्ती से कहीं जा रहा था।

अचानक एक चौराहे पर उसे कुछ पुलिस वाले खड़े दिखाई दिए और अपने डर के कारण उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें कहीं वो पुलिस वाले उसे रोक ना ले।उसका पूरा ध्यान पुलिस वालों की तरफ था।

वह अपनी गाड़ी की गति को धीरे धीरे बढ़ाने लगा।उसका ध्यान पुलिस वालों की तरफ इतना ज्यादा था कि उसका ध्यान अपनी बाईं तरफ चल रहे मोटरसाइकिल वाले की तरफ नहीं गया और अचानक राजीव की गाड़ी से मोटरसाइकिल वाले हो एक टक्कर हुई।

मोटरसाइकिल वाला दूर जा गिरा।राजीव की गाड़ी में भी नुकसान हुआ।मोटरसाईकिल वाले को काफी चोटे आयी।सिर्फ एक पेपर पूरा ना होने के कारण ये सब हुआ।राजीव ने उस मोटरसाइकिल को वाले को उठाया।

उस व्यक्ति के इलाज के लिए राजीव को अच्छी खासी रकम का खर्चा करना पड़ गया और एक्सीडेंट का पुलिस केस भी उस पर हो गया।राजीव की जरा सी भूल खुद उसपर और दूसरे व्यक्ति के ऊपर काफी भारी पड़ गयी।

 

नीरज त्यागी

पिता का नाम - श्री आनंद कुमार त्यागी माता का नाम - स्व.श्रीमती राज बाला त्यागी ई मेल आईडी- neerajtya@yahoo.in एवं neerajtyagi262@gmail.com ग़ाज़ियाबाद (उ. प्र)