कविता

वंशबेला

बेटी

बेटी
रूप है
लक्ष्मी का
सरस्वती का
दुर्गा का
महाकाली का !

बेटी
बांधती है
परिवार को
रिश्तों में
बन बेटी, बहन
और बन पत्नी !

बन माँ
बेटी ही
कुल को आगे बढ़ाती है
करती है निर्माण,
सृष्टि का,
नवयुग का !

अंजु गुप्ता

 

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed