भजन/भावगीत

माँ दुर्गे 

आदि शक्ति हे माँ दुर्गे महारानी

करो कृपा हे माँ जगत कल्याणी
तुम्हरी महिमा अपरंपार है मईया
ये जग नाव है बस तुम हो खिवैया
तुम्हरे दम पर माँ कुदरत चलती
फूल महकते कलियाँ खिलती
तम्हरी भक्ति से मन होता पावन
माँ अर्पित तुम्हें है ये मेरा तन मन
जैसे जग में सबको पार लगाया
भटके हुए भक्तों को राह पे लाया
वैसे ही मुझको भी माँ पार लगा देना
मन भीतर भक्ति का दीप जला देना
तुम करुणा की हो सागर मईया
पार लगा दो अब मेरी भी नईया
तुम सब पर दया दिखलाती हो
बिन मांगे झोली भर जाती हो
खाली झोली किसी की रहने ना पाती
पल भर में माँ दया है दिखलाती
तेरे दम पर सूरज चंदा जग में आते
पंछी उड़ते भंवरे गीत गुनगुनाते
तुम हो दयालू बड़ी तुम बड़ी ज्ञानी
तुम्हरी महिमा कैसे जाये बखानी
आदि शक्ति हे माँ दुर्गे महारानी
करो कृपा हे माँ जगत कल्याणी
— आरती त्रिपाठी

आरती त्रिपाठी

जिला सीधी मध्यप्रदेश