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सत्य के प्रयोग पुस्तक का उपहार

भारत के रावतभाटा राजस्थान के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में परमाणु ऊर्जा विभाग के सेवानिवृत्त विचारक एवं गायत्री केंद्र बाल सन्सकार शाला के प्राचार्य दिलीप भाटिया ने गांधी जयंती पर बेटियों को राष्ट्रपिता बापू की आत्मकथा सत्य के प्रयोग की प्रति उपहार स्वरूप वितरित की। दिलीप ने बेटियों को बापू के जीवन से प्रेरित होकर समय का सदुपयोग करने की प्रार्थना की।

बापू हर कार्य समय का बजट बना कर करते थे। इसी कारण सादगी का दुर्लभ गुण के साथ अनेक विशेषताओं के एक साक्षात उदाहरण थे। उनसे सीख कर तुम सब भी पढ़ने के साथ खेल मनोरंजन योग ध्यान के लिए समय का सकारात्मक सदुपयोग कर सकती हो। समय के सदुपयोग से कई बुराइयों से भी बचा जा सकता है एवं आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर जीवन सरल सहज सफल सार्थक बनाया जा सकता है। इस आत्मकथा को पढ़ने के बाद अपने जीवन को अधिक प्रभावी एवं अच्छा बनाने का प्रयास करना। समय का सदुपयोग अपना कर कई अन्य गुण स्वतः ही अपना सकती हो। मेरी शुभकामना तुम सब बेटियों के साथ हैं।

आवश्यकता अनुसार मुझसे मोबाइल फोन नंबर 0 9461591498 पर अथवा मेरे निवास 238 बालाजी नगर रावतभाटा राजस्थान पर आकर सम्पर्क कर सकती हो। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। बड़े बनने से अधिक आवश्यक है एक अच्छी इनसान बनना। सूर्य बनना जरूरी नहीं। एक दीपक भी उजाला कर सकता है। अन्धकार को कोसने की अपेक्षा एक दीपक जला सकती हो। गांधी जयंती पर एक अच्छी इनसान बनने का सन्कल्प लो। तुम सब बेटियों को मेरा स्नेह भरा प्यार एवं शुभकामना सहित आशीर्वाद।  इति।

दिलीप भाटिया 

*दिलीप भाटिया

जन्म 26 दिसम्बर 1947 इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्री, 38 वर्ष परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवा, अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक अधिकारी