सामाजिक

कहने को तो बाजार में सब कुछ मिल जाता है पर मां जैसी जन्नत और बाप जैसा साया कहीं नहीं मिलता

कहने को तो बाजार में सब कुछ मिल जाता है पर मां जैसी जन्नत और बाप जैसा साया कहीं नहीं मिलता इस  दुनिया में आपकी सहायता आप की देखभाल करने वाले लाखों हजारों लोग होंगे पर मां-बाप जैसा साया जो परछाई की तरह सदैव आपके साथ बना रहता है और आपकी देखभाल और सदैव आपकी चिंता में लगा रहता है कि मेरा बेटा या बेटी बड़े होकर कुछ अच्छा बने मां बाप उस मालिक की तरह होते है जो एक पेड़ पौधे को पानी देकर बड़ा और छायादार व फलदार बनाना चाहता है ताकि वृद्धावस्था में वह पुत्र या पुत्री उसकी देखभाल कर सकें पुत्र हो या पुत्री उसको सदैव श्रवण कुमार बनने की इच्छा होनी चाहिए और अपने माता-पिता का कर्तव्य पालन करना चाहिए वह इनकी देखरेख करनी चाहिए एक मा नो महीने अपने बच्चे को पेट में रखकर जिस प्रकार कठिनाइयों का सामना करती है उसका कर्ज कभी नहीं चुकाया जा सकता इसी प्रकार पिता ना जाने किन-किन कठिनाइयों का सामना करके कैसे-कैसे नौकरी व मजदूरी करके हमें पाल पोस कर बड़ा करता है जिसका एहसान हम सो जन्मों में भी नहीं चुका  सकते वह लोग बहुत ही खुशनसीब होते हैं जिन्हें मात पिता का साया और आशीर्वाद जिंदगी में प्राप्त होता है हमारे मात पिता ही हमारे भगवान हैं हमारे सब कुछ हैं हमें भी श्रवण कुमार की तरह उनकी सेवा में सदैव तत्पर रहना चाहिए और किसी प्रकार का इन्हें दुख नहीं देना चाहिए शास्त्रों में लिखा है जो प्रतिदिन मात-पिता की तन मन धन से सेवा करता है वह साक्षात ब्रह्मा विष्णु महेश की सेवा कर रहा है ऐसा व्यक्ति स्वर्ग को प्राप्त कर मोक्ष पाता है शास्त्रों धर्म पुराणों में ऐसी लाखो हजारों कहानियां और उदाहरण है जिसने मात पिता की सेवा को ही परमो धर्म बताया गया है आइए हम सब संकल्प लेते हैं कि हम सदैव अपनी मात-पिता की तन मन धन से सेवा करेंगे वह उन्हें कभी भी अकेला नहीं छोड़ेंगे और कभी भी दुख नहीं पहुंचाएंगे

अमित कुमार राजपूत

मैं पत्रकार हूं निवासी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश

One thought on “कहने को तो बाजार में सब कुछ मिल जाता है पर मां जैसी जन्नत और बाप जैसा साया कहीं नहीं मिलता

  • डाॅ विजय कुमार सिंघल

    आपने इस लेख में कहीं भी विराम अर्धविराम का प्रयोग नहीं किया है. पता ही नहीं चलता कि कौन सा वाकया कहाँ से प्रारम्भ होकर कहाँ समाप्त हो रहा है, जब तक कि उसे दो तीन बार न पढ़ा जाये.
    आपको विराम चिह्नों का प्रयोग करने में क्या परेशानी है?
    लेख का शीर्षक छोटा होना चाहिए और लेख के नीचे अपना नाम हिंदी में लिखना चाहिए.
    कृपया ध्यान रखें.

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