सामाजिक

रान्ग नम्बर

स्कूल की एक मैडम के पास एक अनजान नम्बर से फोन मिला कि मैडम जी इतना अच्छा पढ़ाती हो कि हमारी कोचिन्ग सन्स्थान तो बन्द ही हो जाएगा। अधिक से अधिक शिक्षक दिवस पर सम्मान मिल जाएगा। हम कमीशन देते रहेंगे। बस स्कूल आइए। हमारे पास विद्यार्थी भेजती रहिएगा। मैडम ने शालीनता से उत्तर दिया कि सर मेरे पिता एक शिक्षक थे एवं उनके उसूल मुझे अभी भी स्मरण हैं। स्कूल मे शिक्षण का कर्तव्य निभाती रहना मेरा धर्म है। मुझे खरीदना सम्भव नहीं। रान्ग नम्बर सर।

यह एक सच्चा वार्तालाप है। मेरी एक शिक्षिका बहन ने मुझसे शेयर किया है। गोपनीयता हेतु नाम नहीं लिख रहा हूँ। मैडम ने पुलिस में शिकायत की। फोन नंबर फर्जी निकला। मैडम को बदनाम करने एवं सर्विस में नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किसी ने प्रलोभन का लालच दिया था। कई विद्यालयों में समय कैरियर पर विचार व्यक्त करने के कारण कई शिक्षक शिक्षिकाओं से जुड़ गया हूँ। इसीलिए यह शेयर कर रहा हूँ कि इस प्रकार के झूठे प्रलोभन वाले फोन काल से सजग सतर्क सावधान रहें एवं अपने परिवार रिश्तेदारों मित्रों सहेलियों के साथ भी शेयर करें। इस प्रकार के फोन मिलने पर सम्भव हो तो पुलिस को भी सूचित करें। कष्ट के लिए क्षमा।

—  दिलीप भाटिया 

*दिलीप भाटिया

जन्म 26 दिसम्बर 1947 इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्री, 38 वर्ष परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवा, अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक अधिकारी