कविता

ये कुछ तुम जैसा है

ये कुछ तुम जैसा है

कुछ नेह के धागे बुने हुए
कुछ स्नेह की झरती बूंदों सी,
कुछ यादें मीठी-मीठी हैं
कुछ लम्हें रीते-रीते से
कुछ होंठों पर मुस्कान लिए
कुछ नमी भी है इन आँखों में,
कुछ रक्त सा बहता है नस में
कुछ साँस महकती सी हरदम,
कुछ टीस सी उठती सीने में
कुछ दर्द सा क्यों है जीने में,
कुछ अंतर्मन में बसा हुआ
कुछ ओझल सा है नजरों से…

इस “कुछ” में कुछ तो ऐसा है
जो कुछ-कुछ बिल्कुल तुम-सा है।

कविता सिंह

पति - श्री योगेश सिंह माता - श्रीमति कलावती सिंह पिता - श्री शैलेन्द्र सिंह जन्मतिथि - 2 जुलाई शिक्षा - एम. ए. हिंदी एवं राजनीति विज्ञान, बी. एड. व्यवसाय - डायरेक्टर ( समीक्षा कोचिंग) अभिरूचि - शिक्षण, लेखन एव समाज सेवा संयोजन - बनारसिया mail id : samikshacoaching@gmail.com

One thought on “ये कुछ तुम जैसा है

Comments are closed.