गीत/नवगीत

व्यंग्य गीत – हउदी मोदी

अमरीका मा “हउदी मोदी” कितना स्वागत भवा अपार.
मोदी-मोदी कहि चिल्लाने आये लोग पचास हज़ार.

ट्रंप कहिन-हम अपने घर मा जलवा देखेन आज तुम्हार.
समझ गएन हम तुमहीं ते अब होई बेड़ा पार हमार.

हाथ पकरि मोदी जी बोले-अबकी बार ट्रंप सरकार.
जइसे कौनौ दल का मुखिया प्रत्याशी का करै प्रचार.

गये उहाँ इमरानव लेकिन ढँग से भवा नहीं सत्कार.
एयरपोर्ट पर स्वागत कीन्हेन छोटे-मोटे जन दुइ-चार.

धमकी दइ सोचै इमरनवा- कइसे एहिसे पायी पार.
यहु मोदी तौ पहलवान है, ताल ठोंकि हर समय तैयार.

तीन तलाक-तीन सौ सत्तर, सब पर कीन्हेस घोर प्रहार.
जो यहु सोचै सो कइ डारै, मानव है या है अवतार.

भारत मा हर एक विपक्षी का कइ डारिस बंटाधार.
डर लागै यहु इहँउ न घुसिकै कइ दे खटिया खड़ी हमार.

आल्हा लिखि “कमलेश द्विवेदी” ना कौनौ का करैं प्रचार.
दुनिया गावै, हमहूँ गायी- भारत माँ की जय-जयकार.

— डॉ. कमलेश द्विवेदी