कविता

करवा चौथ पर : बांहों में मुझको भरे वो…

मैं चन्दा जब जब देखूं,
तेरा मुखड़ा उसमें देखूँ।
चलनी लिए तेरे आँगन,
सौ सौ बार तुझको देखूँ।
करवा माता तू आशीष देना,
सखा की लंबी उम्र कर देना,
धन यश की कमी भी हो न,
पाये सम्मान जग में ये देना।
बांहों में मुझको भरे वो,
हमेशा ही पास रहे वो,
भूल से भी नाराज हो न।
मेरे हमदम हमेशा बने वो।
प्यार उनका कभी कम हो न,
दूज दिल में कभी भी बसे न,
उनके दिल में मैं ही बिराजू,
ख्याल आये किसी का कभी न।
तेरे संग है जीना, तेरे संग ही मरना
रहूँ ऐसे संग ज्यूं दिया बाती का जलना
मांगू यही आशीष माता ये तुमसे
प्यार ही प्यार बस जीवन में भरना।
सुषमा मोहन पांडेय

सुषमा पाण्डेय

सीतापुर उत्तर प्रदेश