कविता

शुभ दीपावली

यह अमावस तो दीपावली की रात है
श्री राम जी का आगमन होगा
लक्ष्मी गणेश जी की पूजा होगी
हर तरफ चांदनी ही चांदनी होगी
तमस की रात चांदनी से जगमगाएगी
हर घर आँगन में दीप माला होगी
फिर अमावस भी पूनम में बदल जाएगी
इसी का तो हमें इंतजार है
अम्बर से चंदा भी अमृत बरसायेगा
इस धरा का नव रूप खिल जायेगा
दीपावली की जगमग संग शरद रुत आएगी
दीपावली के दीप जगमगायेंगे
सारे जहाँ को रोशन कर जायेंगे।
फुलझरी की लारियां भी चमकेंगी
घर घर दीपमाला सजेगी –
अनार की चिंगारियां भी दमकेंगी
धरती पर ही सितारों की बारात होगी
चांदनी भी हमारे साथ होगी
अमावास की ये अनोखी रात होगी ..
हर तरफ जगमग ही जगमग नज़र आएगी
हर घर माँ लक्ष्मी का आगमन होगा –
घर घर में धन धन्य होगा
खुशियाँ ही खुशियाँ छा जायेंगी
ज़िंदगी में हर अमावस की शाम को भी
खुशियों के दीप जला कर सजाओ
जीवन आप का खुशियों से भर जाये
और ज़िंदगी में हर रोज़ दीवाली मनाओ

— जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845