मुक्तक/दोहा

छठ पूजा

विधा- दोहा
विषय – छठ पूजा

लोकपर्व की धूम है , छठ पूजा है आज ।
गंगा जी के घाट पर , उमड़ा भक्त समाज ।।

कातिक सुदी सुहावनी,डाला छठ की शाम ।
अर्घ्य दे रहे सूर्य को , करते सभी प्रणाम ।।

सबके मन में है यही , छठ मैया से आस ।
सुख संतति माँ से मिले ,पूरन है विश्वास ।।

गंगा जी के घाट की , शोभा बरनि न
जाय ।
देव लोक सा दृश्य है ,पुलकित मन मुस्काय।।

प्रथम अर्घ्य है सूर्य को ,अस्ताचल की ओर।
भगती की गंगा बहे , नही ओर अरु छोर ।।

सूपा डलिया ले चलीं , चेहरे पर मुस्कान ।
माँग भरे सिंदूर से , गाती मीठा गान ।।

डा० नीलिमा मिश्रा
प्रयागराज

डॉ. नीलिमा मिश्रा

जन्म एवं निवास स्थान इलाहाबाद , केन्द्रीय विद्यालय इलाहाबाद में कार्यरत , शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मध्यकालीन भारत विषय से एम० ए० , राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पी०एच० डी० । अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में सहभागिता विशेष रूप से १६वां विश्व संस्कृत सम्मेलन बैंकाक २०१५ । विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में लेख गीत गजल कविता नज़्म हाइकु प्रकाशित इसके अलावा ब्लाग लिखना ,गायन में विशेष रुचि