कविता

क्या यही प्यार है

 

यह प्यार नहीं तो क्या है

तू जो नहीं दिखती,
दिल मेरा होता बेचैन,
यह प्रेम नहीं तो क्या है ?

तू जो नहीं बोलती कुछ भी,
कान मेरे तरसते है सुनने को,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?

तुम जो रूठ जाती हो,
दिल मेरा होता उदास,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?

तू न चाहे फिर भी मैं,
करता हरदम परवाह तेरी,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?

तेरी पसन्द को मैं करता पसन्द,
खुशी मिले तुझे थोड़ी चाहता हूँ,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?

तेरी आवाज़ सुन कर आता भाग,,
काम कितने जरूरी छोड़ कर ,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?

तेरे चेहरे पर देख उदासी,
हर कोशिश हंसाने की करता,
यह प्रेम नहीं तो क्या है?

बिन कहे तेरा ध्यान मैं रखता,
तेरी खुशी अनमोल मेरे लिए,
यह प्रेम ही है पगली समझ ।।

सारिका औदिच्य

*डॉ. सारिका रावल औदिच्य

पिता का नाम ---- विनोद कुमार रावल जन्म स्थान --- उदयपुर राजस्थान शिक्षा----- 1 M. A. समाजशास्त्र 2 मास्टर डिप्लोमा कोर्स आर्किटेक्चर और इंटेरीर डिजाइन। 3 डिप्लोमा वास्तु शास्त्र 4 वाचस्पति वास्तु शास्त्र में चल रही है। 5 लेखन मेरा शोकियाँ है कभी लिखती हूँ कभी नहीं । बहुत सी पत्रिका, पेपर , किताब में कहानी कविता को जगह मिल गई है ।