बाल कविता

मैं अभी बच्चा हूॅ॑

मैं बहुत अच्छा हूॅ॑
क्योंकि अभी सच्चा हूॅ॑
मुझें क ख ग घ नहीं आता
क्योंकि मैं अभी बच्चा हूॅ॑।
एक से सौं तक की गिनती
मुझको नहीं आती हैं।
इंग्लिश की ए, बी, सी, डी
मुझको बहुत पकाती है।
सुबह– सुबह मम्मी कि डांट
हर रोज उठते ही खाता हूॅ॑
पांच किलों का बैंग उठा
हर रोज स्कूल भी जाता हूॅ॑ ।
स्कूल पहुॅ॒॑च पीटी टीचर की
हर रोज मार भी खाता हूॅ॑।
और क्लास टीचर की तो
हर दिन धमकी पाता हूॅ॑ ।
 फिर ट्यूशन टीचर से तो
हर रोज लाल हो घर आता हूॅ॑
घर आते ही मम्मी का ज्ञान
और पापा का लेक्चर सुनता हूॅ॑।
इतना पढ़कर,खाकर सोता हूॅ॑
कि हर दिन सब कुछ भूल जाता हूॅ॑
अरें भाई बताया तो
मैं बच्चा हूॅ॑ इसलिए अभी अच्छा हूॅ॑।।”
— रेशमा त्रिपाठी

रेशमा त्रिपाठी

नाम– रेशमा त्रिपाठी जिला –प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश शिक्षा–बीएड,बीटीसी,टीईटी, हिन्दी भाषा साहित्य से जेआरएफ। रूचि– गीत ,कहानी,लेख का कार्य प्रकाशित कविताएं– राष्ट्रीय मासिक पत्रिका पत्रकार सुमन,सृजन सरिता त्रैमासिक पत्रिका,हिन्द चक्र मासिक पत्रिका, युवा गौरव समाचार पत्र, युग प्रवर्तकसमाचार पत्र, पालीवाल समाचार पत्र, अवधदूत साप्ताहिक समाचार पत्र आदि में लगातार कविताएं प्रकाशित हो रही हैं ।