कविता

अपनी कद्र करो

जनता कद्र करेगी जब तक नेता की,
नेतागण    यूँ    ही जनता को लूटेंगे।
प्रतिभाएँ सड़कों पर कुचली जाएँगी,
लोकतन्त्र  के  भाग्य रोज ही फूटेंगे।
अपनी क्षमता को पहचानों, कद्र करो,
मक्कारों   के   अहंकार   तब   टूटेंगे।
फिर कोई गणितज्ञ नहीं पागल होगा,
धोखा   देने   वालों  को   जब कूटेंगे।
जब  तक  हम  जिम्मेदारी से भागेंगे,
अन्य    लोग    जिम्मेदारी   से छूटेंगे।
जो अपना उल्लू साधे तुमसे मिलकर,
अवध  भगाओ,   रूठेंगे    तो  रूठेंगे।
डॉ अवधेश कुमार अवध

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 Awadhesh.gvil@gmail.com शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन