लघुकथा

तारे जमीं पर वाला लड़का

”उलझनें भी मीठी हो सकती हैं,
जलेबी इस बात की जिंदा मिसाल है.”

वडोदरा के 17 साल के प्रिंस पांचाल को इस बात का अब पता चला.

”बेटा, घबराने की कोई बात नहीं है, अगली बार और ज्यादा मेहनत करना, पास हो जाओगे.” दसवीं कक्षा में सभी 6 विषयों में फेल हुए प्रिंस पांचाल से आजकल के नादान युवकों की तरह हताशा में कोई अनुचित कदम उठाने की आशंका से शिक्षक ने ढाढ़स बंधाया. प्रिंस पांचाल की निराशा कम न हुई.

”अल्बर्ट आइंस्टीन, लियोनार्डो दा विंसी, वॉल्ट डिज्नी, अगाथा क्रिस्टी, थॉमस एडीसन, पॅबलो पिकासो और अभिनेता अभिषेक बच्चन के साथ भी ऐसा ही हुआ था.” एक और शिक्षक ने उसे समझाया था, नतीजा ठन-ठन गोपाल.

”हमने तो सुना है, कि ऑल इंडिया रेडियो ने अपने साक्षात्कार में अमिताभ बच्चन की आवाज को रिजैक्ट कर दिया था, आज वे आवाज की दुनिया के सबसे बड़े जादूगर हैं.” दोस्तों ने समझाया.

”ऋतिक रोशन को तो जानते हो न! वे बचपन में हकलाते थे, अब तो उनकी आवाज, उनके आत्मविश्वास और उनकी कलाकारी का कोई सानी नहीं” चाचाजी ने समझाया.

”बेटा, हर समय घर पर ही क्यों बैठे रहते हो, अंदर-बाहर आया-जाया करो न!” वडोदरा के 17 साल के प्रिंस पांचाल को हताश, चिंतित और मायूस देखकर उसे दुलराते हुए उसके दादाजी ने पूछा.

”दादाजी, क्या करूं? जी-जान से पढ़ाई करने पर भी मैं नाकारा साबित हुआ, दसवीं कक्षा में सभी 6 विषयों में मैं फेल हो गया, मेरी तो जिंदगी ही बेकार हो गई.” प्रिंस रुआंसा-सा हो गया था.

”बेटा, इसमें चिंता की क्या बात है? हो सकता है, भगवान ने तुम्हारे लिए कुछ और अधिक अच्छा सोचा हुआ हो! कुछ नया करो. तुम सब तरह से सक्षम हो.”

दादाजी की प्रेरणा ने जादू का काम कर दिखाया. उसने 35 हल्के स्वदेशी विमान मॉडल बनाने का अद्भुत कारनामा कर दिखाया. प्रिंस ने इन मॉडलों को बैनर और होर्डिंग्स में इस्तेमाल किए गए फ्लेक्स से बनाया है. इन्हें रिमोट कंट्रोल से ऑपरेट किया जा सकता है और यह उड़ान भरने में भी सक्षम हैं. इंटरनेट की मदद से इन मॉडल विमानों को बनाने वाले प्रिंस का कहना है- ”होर्डिंग्स के फ्लैक्स देखकर मुझे विमान बनाने का ख्याल आया”.

उसने यूट्यूब पर अपना प्रिंस पांचाल मेकर नाम से चैनल भी बना लिया है.

पढ़ाई पूरी करना चाहने वाले प्रिंस की समस्या यह है कि वह जब भी पढ़ने के लिए बैठता है, पढ़ते वक्त दिमाग में बोझ-सा महसूस होता है. प्रिंस कम-से-कम 10वीं पास करना चाहते हैं.

बहरहाल उलझनों ने उसकी जिंदगी को मीठा बना दिया है. उसकी कॉलोनी के सभी लोग उसे देखकर अब उसे तारे जमीं पर वाला लड़का कहते हैं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “तारे जमीं पर वाला लड़का

  • लीला तिवानी

    तारे जमीं पर फिल्म में ईशान अवस्थी (दर्शील सफारी) एक आठ वर्षीय लड़का है जो स्कूल से नफरत करता है। उसके लिए हर विषय मुश्किल है और वह सदा उस परीक्षा में विफल हो जाता है। एक कला अध्यापक राम शंकर निकुम्भ या “निकुम्भ साहब” ने उसकी समस्या को समझकर उसे कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने में सहायता दी. सचमुच ईशान ने कमाल कर दिखाया. प्रिंस पांचाल को भी दादाजी की प्रेरणा से और होर्डिंग्स में इस्तेमाल किए गए फ्लेक्स से 35 हल्के विमान बनाने का कमाल कर दिखाया और उलझनों को सुलझा लिया.

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