कविता

यादें!

कभी हँसाती
कभी रूलाती
यादें!
कभी सताती
खट्टे-मीठे दिन याद दिलाती
यादें!
गुजरे दिन
दु:ख या मौज में
पल-पल की फिल्म दिखाती
यादें!
खुशी हो या
हो गम
आँसू बनकर छलक जाती
यादें!
ये नटखट
बड़ी सताती
तरह-तरह के रूप दिखाती
यादें!
कभी बचपन तो
कभी पचपन की सैर कराती
यादें!
जिंदगी के साथ-साथ चलती
यादें…
— मुकेश कुमार ऋषि वर्मा 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111