कविता

अगर तुझे प्यार करना आ जाता

अगर तुझे प्यार करना आ जाता तो,

बेकरारियों को भी करार आ जाता।
अगर तुझे ये बेवफाई ना रास आती,
तो मेरे रूह से वफा की सुवास आती।
अगर तू मेरे भरोसे के लायक होता।
तो दिल मेरा यूँ ना नालायक होता,
अगर तुझे मेरे चाहत की कदर होती,
तो मुझे तेरे जज्बातों की फिकर होती।
अगर तू मेरी याद में थोड़ा जला होता,
तो तेरे ही हक में मेरा फैसला होता।
अगर तू दिल की रस्मों को मानता,
तो मेरा दिल भी दर्द तेरा पहचानता।
तू जमाने का हुआ पर मेरा ना हुआ,
ये दिल भी जमानें में बस तेरा ना हुआ।
तू हकीकतों से गर अनजान ना होता,
तू आज प्यार मेरा यूँ बेज़ुबान ना होता।
— आरती त्रिपाठी

आरती त्रिपाठी

जिला सीधी मध्यप्रदेश