धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

विशेष सदाबहार कैलेंडर-143

1.Life has many great options,
But you don’t have to pick,
What seems to be the best,
Just pick what makes you happy
And it will be the best.

2.Birth is the ‘start of life’,
Beauty is the ‘art of life’,
Love is the ‘part of life’,
But
Friendship is the ‘heart of life’,

3.A great thinker was asked,
”What is the meaning of Life”
He replied ”Life itself has no meaning,
It’s an opportunity to create a meaning.”

4.काबिल दोस्तों का मिलना भी शायद तकदीर होती है,
बहुत कम लोगों के हाथ में यह लकीर होती है.

6.हमने रिश्तों को संभाला है,
मोतियों की तरह,
अव्वल तो किसी को गिरने नहीं देते,
कोई गिर भी जाए तो,
झुक के उठा लेते हैं.

7.समझदार बनने की कोशिश में शरारत भी खो बैठे,
अब इस समझदारी में सबको साजिश नजर आती है.

8.जीवन में आपसे कौन मिलेगा, ये समय तय करेगा,
जीवन में आप किस से मिलेंगे, ये आपका दिल तय करेगा,
परंतु
जीवन में आप किस-किस के दिल में बने रहेंगे,
यह आपका व्यवहार तय करेगा.

9.जिंदगी को आसान नहीं मजबूत बनाना पड़ता है,
सही समय कभी नहीं आता, समय को सही बनाना पड़ता है.

10.शिखर तक पहुंचने के लिए हिम्मत चाहिए होती है,
चाहे वह माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या कोई दूसरा लक्ष्य.

11.जीवन में सुख का अनुभव तभी प्राप्त होता है,
जब इन सुखों को कठिनाइयों से प्राप्त किया जाता है.

12.जिस तरह मेरी नियति ने आकार ग्रहण किया,
उससे किसी ऐसे गरीब बच्चे को सांत्वना अवश्य मिलेगी,
जो किसी छोटी-सी जगह पर सुविधाहीन सामजिक दशाओं में रह रहा हो.

13.यदि आप विकास चाहते हैं,
तो देश में शांति की स्थिति होना आवश्यक है.

14.अगर हमें अपने सफलता के रास्ते पर निराशा हाथ लगती है,
इसका मतलब यह नहीं है कि हम कोशिश करना छोड़ दें,
क्योंकि हर निराशा और असफलता के पीछे ही सफलता छिपी होती है.

15.इंतजार करने वालों को केवल उतना ही मिलता है,
जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं.

16.सबके जीवन में दुख आते हैं,
बस इन दुखों में सबके धैर्य की परीक्षा ली जाती है.

17.देश का सबसे अच्छा दिमाग,
क्लासरूम के आखिरी बेंचों पर मिल सकता है.

18.यों जमीन पर बैठकर क्यों आसमान देखता है,
पंखों को खोल, जमाना सिर्फ़ उड़ान देखता है.

19.दिख रही हर अव्यवस्था में भी,
एक अदृश्य व्यवस्था है,

20.दिल लगाने से बेहतर है वृक्ष लगाएं,
वे घाव नहीं कम-से-कम छांव तो देंगे.

21.चेहरे अजनवी हो जाएं, तो कोई बात नहीं,
पर जब रवैये अजनवी हो जाएं, तो बहुत तकलीफ होती है.

22.कमी तो होनी ही है पानी की शहर में,
न किसी की आंख में पानी बचा है, न जज़्बात में.

23.मत जियो उसके लिए, जो दुनिया के लिए खूबसूरत हो,
जियो उसके लिए, जो तुम्हारी दुनिया को खूबसूरत बनाए.

24.अच्छा लगता है मुझे उन लोगों को नमस्कार करना,
जो मेरे पास न होते हुए भी,
मेरे दिल के बहुत पास होने का अहसास दिलाते हैं.

25.मित्र और चित्र दिल से बनाओगे,
तो उनके रंग जरूर निखर आएंगे.

26.कुछ लोग जिंदगी होते हैं,
कुछ लोग जिंदगी में होते हैं,
कुछ लोगों से जिंदगी होती है,
और कुछ लोग होते हैं तो जिंदगी होती है.

27.कोई भी नहीं जानता,
कि हम इस जीवन के सफर में,
एक दूसरे से क्यों मिलते हैं,
सब के साथ रक्त संबंध नहीं हो सकते,
परंतु ईश्वर हमें कुछ लोगों के साथ मिलाकर,
अद्भुत रिश्तों में बांध देता है,
हमें उन रिश्तों को हमेशा संजोकर रखना चाहिए.

28.यकीन हो तो रास्ता निकलता है,
हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है.

29.जिंदगी में आपकी अहमियत बता नहीं सकते,
दिल में आपकी जगह दिखा नहीं सकते,
कुछ रिश्ते अनमोल होते हैं,
इससे ज्यादा आपको समझा नहीं सकते.

30.अभी भी कुछ लोग हैं बाकी जो परम्परा तोड़ देते हैं,
सलीके से हवाओं में खुशबू छोड़ देते है.

31.सच्चाई और अच्छाई की तलाश में, पूरी दुनिया घूम लें,
अगर वह हमारे अंदर नहीं है, तो कहीं भी नहीं है.

प्रस्तुत है पाठकों के और हमारे प्रयास से सुसज्जित विशेष सदाबहार कैलेंडर. कृपया अगले विशेष सदाबहार कैलेंडर के लिए आप अपने अनमोल वचन भेजें. जिन भाइयों-बहिनों ने इस सदाबहार कैलेंडर के लिए अपने सदाबहार सुविचार भेजे हैं, उनका हार्दिक धन्यवाद.

हर सुबह एक नया सदाबहार अनमोल वचन निकालने के लिए आप हमारी इस ऐप कम वेबसाइट की सहायता ले सकते हैं-

https://www.sadabaharcalendar.com/

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

2 thoughts on “विशेष सदाबहार कैलेंडर-143

  • डाॅ विजय कुमार सिंघल

    बहिन जी, अंग्रेजी में लिखी गयी अच्छी बातों का हिन्दी अनुवाद भी होता तो अधिक अच्छा रहता।

  • लीला तिवानी

    खुद में झांकने के लिए जिगर चाहिए,
    दूसरों की शिनाख़्त में तो हर शख्स माहिर है.

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